‘संदेसे आते हैं…’ के नये संस्करण ‘घर कब आओगे…’ का म्यूजिक मिथुन ने तैयार किया है, जबकि इसके कुछ लिरिक्स मनोज मुंतशिर ने लिखा हैं। ‘घर कब आओगे…’ को सोनू निगम, अरिजीत सिंह, विशाल मिश्रा और दिलजीत दोसांझ की आवाज में रिकॉर्ड किया गया है। जिसका इंतजार हर कोई कर रहा है।
अनु मलिक नहीं हैं ‘घर कब आओगे’ का हिस्सा
अनु मलिक ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं मानता हूं कि इस गाने को नये सिरे से तैयार किया गया है और मैं इसका हिस्सा नहीं हूं। लेकिन मुझे यकीन है कि वो क्रेडिट में मेरा नाम जरूर शामिल करेंगे, क्योंकि मूल गीत मैंने ही तैयार किया था। उन्हें ऐसा करना भी चाहिए, क्योंकि वो मेरे योगदान के बारे में जानते हैं और इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।’
अनु मलिक को गाने में क्रेडिट चाहिए
उन्होंने कहा, ‘वो संदेशे आते है के बिना बॉर्डर 2 नहीं बना सकते। इस गाने में अनु मलिक और जावेद अख्तर दोनों का योगदान है, इसलिए उन्हें क्रेडिट में हमारा नाम किसी न किसी रूप में जरूर शामिल करना होगा।’ जेपी दत्ता निर्देशित ‘बॉर्डर’ में सनी देओल, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी और अक्षय खन्ना ने अहम किरदार निभाए थे। वहीं, ‘बॉर्डर-2’ के निर्देशन की जिम्मेदारी अनुराग सिंह ने संभाली है और फिल्म में सनी के साथ वरुण धवन, दिलजीत दोसांझ और अहान शेट्टी मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे।
अनु मलिक को ‘घर कब आओगे’ से उम्मीद
उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि ‘संदेशे आते हैं…’ का नया संस्करण मूल गाने जितना ही ‘शानदार’ होगा, क्योंकि इसे सोनू और अरिजित जैसे बेहतरीन गायकों ने गाया है। मूल गीत को सोनू और रूप कुमार राठौर की आवाज में रिकॉर्ड किया गया था। संगीतकार ने आगे कहा, ‘सोनू एक बेहतरीन गायक हैं और अरिजीत की आवाज में भी जादू है। इसलिए, अरिजीत और सोनू का यह मेल जादुई होगा, लेकिन धुन अनु मलिक की होगी। अनु मलिक और जावेद साहब के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’
अनु मलिक-जावेद अख्तर ने बनाया था ‘संदेशे आते हैं’
अनु मलिक ने याद किया कि कैसे उन्होंने और जावेद अख्तर ने अपने घर पर महज साढ़े सात मिनट में यह गाना तैयार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब वह और जावेद साहब ‘संदेशे आते हैं…’ के बोल और धुन पर काम कर रहे थे, तभी उनके दिमाग में एक पुरानी धुन गूंजी और इस तरह चंद मिनटों में पूरा गाना तैयार हो गया। ‘गाना तैयार करते समय मेरे दिमाग में, ऐ गुजरने वाली हवा बता… धुन आई और मैं इसे गुनगुनाने लगा, तभी जावेद साहब ने कहा, इसे फिर से गुनगुनाओ। मैंने यह धुन किसी और डायरेक्टर के लिए तैयार की थी, लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल नहीं किया था। जावेद साहब ने मुझसे कहा कि क्या तुम इस धुन को उस बोल में पिरो सकते हो, जो हमने लिखे हैं। मैंने कहा-ठीक है। इसके बाद जावेद साहब अचानक उठे और मुझे गले लगा लिया। उन्होंने कहा कि तुमने यह गाना महज साढ़े सात मिनट में तैयार कर दिया।’















