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  • अमेरिका में नौकरी का सपना एक पोस्ट से हो सकता है खत्म, H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की आज से सोशल मीडिया जांच शुरू

    वॉशिंगटन: अमेरिका जाकर नौकरी सपना देखने वाले लोगों से आग्रह है कि वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कोई ऐसा पोस्ट ना करें, जिससे डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को आपत्ति हो। क्योंकि आपका एक सोशल मीडिया पोस्ट अमेरिका जाने का आपका सपना तोड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला प्रशासन आज से एक


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
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    वॉशिंगटन: अमेरिका जाकर नौकरी सपना देखने वाले लोगों से आग्रह है कि वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कोई ऐसा पोस्ट ना करें, जिससे डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को आपत्ति हो। क्योंकि आपका एक सोशल मीडिया पोस्ट अमेरिका जाने का आपका सपना तोड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला प्रशासन आज से एक नया अभियान शुरू करने जा रहा है, जिसमें सरकार H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की स्क्रीनिंग करेगी। यानि, आज से वीजा जारी करने से पहले आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहराई से जांच की जाएगी।

    अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से जारी एक नये आदेश के मुताबिक, आज, यानी 15 दिसंबर से सरकार सभी H-1B आवेदकों और उनके आश्रितों की सोशल मीडिया अकाउंट की जांच करेगी। इसके जरिए वीजा आवेदकों की विचारधारा, राजनीतिक झुकाव, उनके विचार को जांचा जाएगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि “इस जांच को आसान बनाने के लिए, H-1B और उनके आश्रितों (H-4), F, M, और J नॉन-इमिग्रेंट वीजा के सभी आवेदकों को सलाह दी जाती है, कि वे अपने सभी सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग्स को ‘पब्लिक’ कर दें।”

    H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की जांच और सख्त
    अमेरिकी सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में उठाया गया है और वीजा प्रक्रिया को और सख्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि वीजा कोई अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है। विभाग के मुताबिक, हर वीजा आवेदन को एक राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णय के तौर पर देखा जाता है। अब तक सोशल मीडिया की जांच मुख्य रूप से छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स (F, M और J वीजा) तक सीमित थी, लेकिन इसे अब H-1B और H-4 श्रेणी तक बढ़ा दिया गया है। इसके तहत आवेदकों की ऑनलाइन गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचाने या किसी तरह की हिंसा, कट्टरपंथ या अवैध गतिविधियों में शामिल होने की मंशा नहीं रखते।

    इस नई गाइडलाइन के चलते भारत समेत कई देशों में H-1B आवेदकों के वीजा इंटरव्यू को फिर से रीशेड्यूल किए गए हैं। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का गहरा असर भारतीय प्रोफेशनल्स पर पड़ सकता है, क्योंकि H-1B वीजा धारकों में सबसे बड़ी संख्या भारतीय नागरिकों की है। अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों, स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य प्रोफेशनल सेक्टर्स में काम कर रहे हजारों भारतीय इंजीनियर, आईटी विशेषज्ञ और डॉक्टर इस वीजा पर निर्भर हैं।

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