डील की कुल कीमत अभी साफ नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि हायर के भारतीय कारोबार की कीमत करीब 15,000 करोड़ रुपये (लगभग 1.5 अरब डॉलर) हो सकती है। इस डील का औपचारिक ऐलान जल्द ही होने की उम्मीद है। डील के मुताबिक हायर अपनी भारतीय कंपनी में 49% हिस्सेदारी रखेगी। भारती एंटरप्राइजेज और वॉरबर्ग पिंकस का संयुक्त वेंचर 49% हिस्सेदारी खरीदेगा। बाकी बची 2% हिस्सेदारी हायर एप्लायंसेज इंडिया के कर्मचारियों के पास रहेगी। भारती एंटरप्राइजेज और वॉरबर्ग पिंचस के बीच हिस्सेदारी बराबर-बराबर बंटने की संभावना है।
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कब पूरी होगी डील?
सभी पार्टियां अब स्थानीय अधिकारियों से जरूरी मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू करेंगी, ताकि डील अगले 3-4 महीनों में पूरी हो सके। इस डील से हायर इंडिया के टॉप मैनेजमेंट में भी बदलाव आएगा। हायर इंडिया के प्रेसिडेंट सतीश एनएस मैनेजिंग डायरेक्टर बन सकते हैं। अभी इस पद पर चीनी अधिकारी डेचेंग हुआंग हैं, जो अब बीजिंग वापस चले जाएंगे। हायर की भारतीय कंपनी को हायर सिंगापुर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग के जरिए चलाया जा रहा था।
हायर अपनी भारतीय कंपनी में किसी भरोसेमंद भारतीय बिजनेस ग्रुप को हिस्सेदारी बेचना चाहती थी। ऐसा इसलिए ताकि भारत में रेगुलेटरी मुश्किलों से बचा जा सके, खासकर किसी भी निवेश के लिए जरूरी ‘प्रेस नोट 3’ अप्रूवल से। कंपनी को भारत में तीसरा प्लांट लगाने के लिए काफी पैसे की जरूरत है, साथ ही मार्केटिंग पर भी खर्च करना है। फिलहाल हायर के दो प्लांट हैं। इनमें से एक ग्रेटर नोएडा में और दूसरा पुणे में है।
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किस-किसने दिखाई थी दिलचस्पी?
इस बारे में हायर, भारती और वॉरबर्ग पिंकस को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं आया। हायर कंपनी फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी, माइक्रोवेव ओवन और एयर कंडीशनर जैसे प्रोडक्ट्स बेचती है। कंपनी फ्रिज, वॉशिंग मशीन और टीवी जैसे सेगमेंट में तेजी से अपनी मार्केट हिस्सेदारी बढ़ा रही है। कंपनी की RoC फाइलिंग के अनुसार, हायर इंडिया ने 2024-25 में बिक्री के मामले में व्हर्लपूल इंडिया को पीछे छोड़ दिया है। इस तरह यह एलजी और सैमसंग के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी बन गई है।
2024-25 में हायर इंडिया की बिक्री 8,234 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल के मुकाबले 30% ज्यादा है। वहीं, नेट प्रॉफिट 200% से ज्यादा बढ़कर 480 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का लक्ष्य 2025-26 में 11,500 करोड़ रुपये की बिक्री का है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीपीजी और डाबर के बर्मन परिवार, गोल्डमैन सैश और अमित जटिया परिवार, सिंगापुर की जीआईसी और वेल्स्पन के बीके गोयनका और डालमिया भारत ग्रुप के पुनीत डालमिया के फैमिली ऑफिस और बैन कैपिटल जैसे बड़े ग्रुप्स ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई थी।













