डीजीसीए के अधिकारी करते हैं ऑडिट
सूत्रों के मुताबिक, डीजीसीए के अपने रेगुलर अधिकारी मुख्य रूप से एयरपोर्ट की ऑडिट करते हैं, जबकि एयरलाइंस और उनके विमानों की सुरक्षा जांच के लिए विभिन्न एयरलाइंस से जुड़े अनुभवी कैप्टनों को फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर विंग में तैनात किया गया है।
डीजीसीए के पास हैं इतने कैप्टन
मौजूदा समय में डीजीसीए के पास ऐसे 120 से अधिक कैप्टन हैं, जो इंडिगो, एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अन्य भारतीय एयरलाइंस से हायर किए गए हैं। इनका जिम्मा यह देखने का है कि एयरलाइंस सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन कर रही है या नहीं। हालांकि जानकारों का मानना है कि इसी व्यवस्था के चलते कई बार सुरक्षा से समझौते का खतरा भी बना रहता है।
क्या था मामला
हाल के दिनों में एयर इंडिया के एक विमान के बिना उपयुक्त एनओसी के आठ बार टेक ऑफ करने का मामला सामने आया था। जानकारों का कहना है कि सेफ्टी ऑडिट के लिए डीजीसीए को अपने स्थायी कैडर के अधिकारियों की भर्ती करनी चाहिए ताकि किसी भी स्तर पर चूक की गुंजाइश कम हो सके।
भरोसा अभी बाकी
देश में घरेलू विमानन धीरे-धीरे सामान्य होता दिख रहा है। शनिवार को डोमेस्टिक फ्लाइटों के टेक ऑफ की संख्या तीन हजार को पार करते हुए 3032 तक पहुंच गई। इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉरमेंस फिलहाल अन्य एयरलाइंस के मुकाबले बेहतर है, लेकिन लोड फैक्टर अब भी सबसे कम है, जो दर्शाता है कि यात्रियों का भरोसा पूरी तरह लौटने में वक्त लग सकता है।














