• National
  • कृपया बॉर्डर खोल दीजिए, हमें बचा लीजिए… बांग्लादेश से हिंदुओं ने भारत सरकार से लगाई गुहार

    नई दिल्ली: बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की भयावह लिंचिंग के बाद वहां के हिंदुओ में दहशत की स्थिति पैदा हो गई है। यहां फंसे और सताए जा रहे हिंदू भीड़ के आतंक से बचने के लिए भारत से सीमाएं खोलने की गुहार लगा रहे हैं। वे भारत सरकार से मदद की


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 27, 2025
    Views
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    नई दिल्ली: बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की भयावह लिंचिंग के बाद वहां के हिंदुओ में दहशत की स्थिति पैदा हो गई है। यहां फंसे और सताए जा रहे हिंदू भीड़ के आतंक से बचने के लिए भारत से सीमाएं खोलने की गुहार लगा रहे हैं। वे भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं, अब तो बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी के नेता तारिक रहमान के एंट्री से माहौल और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। तारिक रहमान को वहां का कट्टरपंथी नेता माना जाता है।

    टाइम्स ऑफ इंडिया ने रंगपुर, चटगांव, ढाका और मयमनसिंह में रहने वाले हिंदुओं के एक बड़े वर्ग से संपर्क किया और निर्वासित बांग्लादेश सनातन जागरण मचा नेता निहार हलदर की मदद से व्हाट्सएप कॉल पर उनसे बात की, जिन पर पूर्व इस्कॉन भिक्षु चिनमोय कृष्ण दास के साथ राजद्रोह का आरोप है।

    कहीं हमारा हाल दीपू और अमृत जैसा न हो जाए

    रंगपुर के एक 52 वर्षीय निवासी ने बताया कि हमें अपने धर्म के कारण लगातार अपमान झेलना पड़ता है, लेकिन बार-बार होने वाले इस अपमान पर हम प्रतिक्रिया नहीं दे पाते। सड़क पर चलते समय हमें जो ताने सुनने को मिलते हैं, वे जल्द ही भीड़ द्वारा की जाने वाली हत्याओं में बदल सकते हैं। हम फंस गए हैं और हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है।

    हम अपमान सहते हैं क्योंकि हमें डर है कि कहीं हमारा भी वही हाल न हो जो दीपू या अमृत का हुआ था। सबसे बड़ी चिंताओं में से एक चुनाव के बाद बीएनपी का सत्ता में आना है, क्योंकि इसे अल्पसंख्यकों का शत्रु माना जाता है। हम बेबस हैं। हम सिर्फ भारत भाग सकते हैं, लेकिन सीमाओं पर कड़ी निगरानी है।

    खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की वापसी ने बढ़ाई चिंता

    ढाका के एक अन्य हिंदू ने बात करते हुए कहा कि अगर दीपू दास की पीट-पीटकर हत्या ने डर पैदा किया है, तो पूर्व राष्ट्रपति खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की बांग्लादेश वापसी ने उन्हें और भी चिंतित कर दिया है। अगर बीएनपी सत्ता में आती है, तो हमें और भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है। शेख हसीना की अवामी लीग ही हमारी एकमात्र रक्षक थी।

    बांग्लादेश के हिंदू केवल भारत पर ही भरोसा कर सकता है

    पूर्वी पाकिस्तान के शरणार्थियों के संगठन निखिल बांग्ला समन्वय समिति के अध्यक्ष डॉ. सुबोध बिस्वास ने कहा कि संकट के समय बांग्लादेश के हिंदू केवल भारत पर ही भरोसा कर सकते हैं। और भी हिंदू मारे जाएंगे, लेकिन सीमाएं बंद रहेंगी। हम सीमा पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।

    बांग्लादेश में 2.5 करोड़ हिंदू, हम नरसंहार की ओर बढ़ रहे

    सनातन जागरण मचा के एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि बांग्लादेश में 2.5 करोड़ हिंदू हैं। यह कोई छोटी संख्या नहीं है। भारत में हिंदू संगठन सिर्फ दिखावे की बातें कर रहे हैं। हम एक नरसंहार की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं, मयमनसिंह के एक निवासी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सीमाएं खुलने के बाद हिंदुओं का पलायन होगा, लेकिन कम से कम हम हिंसा से सुरक्षित तो रहेंगे।

    ढाका के एक हिंदू ने कहा कि हम सबसे बुरे सपने जैसी जिंदगी जी रहे हैं। भारतीय सीमाएं खुलने से कम से कम उत्पीड़न का सामना कर रहे लोगों के लिए एक सुरक्षित रास्ता तो खुल जाएगा। कई लोग बांग्लादेश में मुश्किल से गुजारा करते हैं, जिनमें दीपू चंद्र दास का परिवार भी शामिल है।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हर महीने  ₹199 का सहयोग देकर आज़ाद हिन्द न्यूज़ को जीवंत रखें। जब हम आज़ाद हैं, तो हमारी आवाज़ भी मुक्त और बुलंद रहती है। साथी बनें और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा दें। सदस्यता के लिए “Support Us” बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।