PD तकनीक हो तभी चार्ज करें
लैपटॉप का USB-C चार्जर फोन चार्ज करने के लिए सुरक्षित है, लेकिन सिर्फ तभी जब चार्जर में USB-C PD तकनीक हो। PD यानी पावर डिलीवरी। इसको आसान भाषा में यूं समझें कि यह तकनीक चार्जर और फोन के बीच बातचीत करती है। फोन, चार्जर को बताता है कि उसे कितनी पावर चाहिए। जैसे फोन को 20 वॉट चाहिए, तो चार्जर वैसा ही देता है। इससे फोन को सही पावर मिलती है और बैटरी खराब नहीं होती। अगर चार्जर में PD नहीं है, तो ज्यादा पावर जाने से बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर नए लैपटॉप चार्जर में PD होता है।
PD सपोर्ट कैसे चेक करें?
चार्जर पर PD का लोगो देखें। अगर लोगो है, तो समझो PD सपोर्ट है। अगर नहीं, तो चार्जर के पीछे लिखी स्पेसिफिकेशन चेक करें। वहां कई वोल्टेज लिखे हों, जैसे 5V, 9V, 15V या 20V, तो समझ लें कि PD है।
इस्तेमाल करने के फायदे
लैपटॉप चार्जर से फोन चार्ज करने के दो बड़े फायदे हैं। पहला, आपको फोन के लिए अलग चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। एक ही चार्जर दोनों काम आएगा। दूसरा, लैपटॉप चार्जर ज्यादा पावर देते हैं, जैसे 65 वॉट या 100 वॉट। अगर आपका फोन 65 वॉट फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करता है, लेकिन फोन का चार्जर सिर्फ 45 वॉट का है, तो फोन पूरी स्पीड से चार्ज नहीं होगा। लैपटॉप चार्जर से फोन ज्यादा तेज चार्ज होगा। इससे समय बचता है और सुविधा बढ़ती है।
अच्छे ब्रांड का चार्जर चुनें
PD वाले चार्जर से आमतौर पर कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन अच्छे ब्रांड का चार्जर चुनें। आजकल कई लोग एक ही चार्जर से फोन और लैपटॉप दोनों चार्ज करते हैं। यह सुविधाजनक और सुरक्षित है, बशर्ते PD सपोर्ट हो। अगली बार चार्जर चुनते समय PD चेक करना न भूलें।














