बता दें कि खालिदा जिया के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा था कि उन्हें बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर देश के विकास और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके अहम योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। पीएम मोदी ने 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात को भी याद किया था। उन्होंने कहा था हमें उम्मीद है कि उनका विजन और विरासत हमारी पार्टनरशिप को आगे भी गाइड करती रहेगी।
लोकतंत्र बहाल करने में निभाई अहम भूमिका
बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की चेयरपर्सन खालिदा जिया का एक दिन पहले ही निधन हो गया था। वह 80 साल की थीं। उन्होंने उथल-पुथल भरे मिलिट्री शासन के बाद लोकतंत्र बहाल करने में अहम भूमिका निभाई थी और दशकों तक देश की राजनीति पर हावी रहीं थीं।
इलाज कराने के लिए गई थीं लंदन
खालिदा जिया का लंबा राजनीतिक करियर रहा। वह जेल और नजरबंदी के दौर भी शामिल थीं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिया गया था और शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद मेडिकल इलाज के लिए लंदन जाने की इजाजत मिली थी। खालिदा जिया फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों में हिस्सा लेने की योजना बना रही थीं, जो 2024 के आखिर में हुए लोकप्रिय विद्रोह के बाद बांग्लादेश के पहले चुनाव हो सकते हैं।















