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  • चाय पर बना ‘सुसाइड पैक्ट’, 56 साल के प्यार ने दिया एक पल में मौत का तोहफा, फिर भी नहीं मिली मौत की सजा

    56 साल का प्यार, एक आदर्श कपल और फिर भी पति ने ली पत्नी की बेरहमी से जान..सवाल है, आखिर क्यों? जब ये बुजुर्ग दंपती उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहले से ही थे तब ऐसा क्या हुआ जिसने इनके बीच मौत का फासला बना दिया। बेडफोर्डशायर के डनस्टेबल से एक दर्दनाक और झकझोर देने


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 17, 2025
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    56 साल का प्यार, एक आदर्श कपल और फिर भी पति ने ली पत्नी की बेरहमी से जान..सवाल है, आखिर क्यों? जब ये बुजुर्ग दंपती उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहले से ही थे तब ऐसा क्या हुआ जिसने इनके बीच मौत का फासला बना दिया। बेडफोर्डशायर के डनस्टेबल से एक दर्दनाक और झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 84 साल के रिटायर्ड केमिस्ट रोजर वॉर्बी ने अपनी पत्नी मार्गरेट वॉर्बी की हत्या कर दी। यह घटना 23 जनवरी को उनके घर में हुई, जब मार्गरेट बिस्तर पर लेटी हुई थीं। रोजर ने उन पर हथौड़े से कई बार वार किया, ऐसा वार, जिसने मार्गरेट को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद रोजर ने खुद को चाकू मारकर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन वह बच गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    घटना के बाद रोजर वॉर्बी ने खुद 999 पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। उन्होंने कॉल पर कहा कि यह उनके जीवन का सबसे बुरा सपना है और वे दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। अदालत को बताया गया कि घटना से एक रात पहले उन्होंने चाय और बिस्किट खाते हुए ‘सुसाइड पैक्ट’ को लेकर बातचीत हुई थी। कोर्ट में यह भी सामने आया कि घटना से पहले के एक महीने में रोजर को भ्रम होने लगा था कि उन्होंने किसी ऑनलाइन लेनदेन में धोखाधड़ी कर दी है और जिसकी वजह से उन्हें और उनकी पत्नी को डर था कि उन्हें अमेरिका भेजकर जेल में डाल दिया जाएगा।

    बिमार थे रोजर

    लूटन क्राउन कोर्ट में पेश किए गए मेडिकल सबूत के अनुसार, कई मनोचिकित्सकों ने माना कि रोजर उस समय मानसिक बिमारी से जूझ रहे थे। एक्सपर्ट्स ने उन्हें मानसिक विकार से बिमार बताया। एक डॉक्टर ने शुरुआती डिमेंशिया की संभावना जताई, जबकि दूसरे एक्स्पर्ट के अनुसार उन्हें हल्का न्यूरोकॉग्निटिव डिसऑर्डर था। जिससे उनकी सही सोचने की क्षमता पर असर हुआ।

    एक ट्रेजेडी

    रोजर वॉर्बी ने पहले हत्या के आरोप से इनकार किया था, लेकिन बाद में मानसिक अक्षमता के आधार पर गैर इरादतन हत्या यानी मैनस्लॉटर का अपराध स्वीकार कर लिया। प्रॉसिक्यूटर ने बताया कि रोजर ने पुलिस से कहा था कि 23 जनवरी उनके जीवन का सबसे बुरा ‘नाइटमेयर’ था। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में इसे एक ट्रेजेडी बताते हुए कहा कि इस घटना के बाद रोजर के लिए इससे बड़ी कोई सजा नहीं हो सकती कि उन्हें जीवन भर अपने किए के साथ जीना होगा। उन्होंने यह भी दलील दी कि इस उम्र में जेल की सजा उनके लिए मौत के समान होगी।

    जल्द रिहा होने की संभावना

    जज ने रोजर वॉर्बी को 21 महीने की सजा सुनाई, जिसमें से आधी सजा जेल में काटने के बाद उन्हें रिहा किया जाएगा। क्योंकि वह जनवरी से ही हिरासत में थे, इसलिए उनके जल्द रिहा होने की संभावना है। सजा सुनाते समय जज ने कहा कि दोनों पति-पत्नी एक-दूसरे एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे और लोग उन्हें हमेशा साथ रहने वाला कपल मानते थे। उन्होंने कहा कि सबूतों से यह पता चलता है कि रोजर को सच में यह भरोसा था कि दोनों के बीच आत्महत्या को लेकर ‘पैक्ट’ बना था।

    गैर-इरादतन की हत्या

    बेडफोर्डशायर पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान मेडिकल जांच में रोजर को शुरुआती डिमेंशिया से पीड़ित पाया गया है। जिसके बाद आरोप को हत्या से घटाकर मानसिक अक्षमता के आधार पर गैर-इरादतन हत्या किया गया। पुलिस के अनुसार, रोजर ने स्वीकार किया था कि उन्होंने अपनी पत्नी को बेहोश करने के इरादे से हथौड़े से मारा था लेकिन चोटें इतनी गहरी थीं कि मार्गरेट की खून बहने से मौत हो गई।

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