विनीत कुमार सिंह ने इस बारे में एक राउंटटेबल इंटरव्यू में बताया। इसमें ईशान खट्टर भी मौजूद थे। ईशान ने फिल्म ‘वाह! लाइफ हो तो ऐसी’ में एक बच्चे का रोल किया था, जबकि उनके भाई शाहिद कपूर लीड रोल में थे। विनीत ने बताया कि वह इस फिल्म के सेट पर असिस्टेंट डायरेक्टर थे, और सेट पर 8 साल के ईशान को गोद में लेकर जाते थे।
‘कई बार सिर्फ जिंदा रहना ही सबसे जरूरी होता है’
विनीत फिर बोले, ‘एक्टर बनना मेरा सपना था। लेकिन हालात ऐसे थे कि मुझे वो मौका भी नहीं मिला। जिंदगी में कई बार सिर्फ जिंदा रहना ही सबसे जरूरी होता है। अगर आप जिंदा बच जाते हैं, तभी आप अपनी कहानी आगे बढ़ा सकते हैं। अगर आप शहीद हो जाते हैं, तो फिर क्या बचेगा? कोई आपके बारे में बात भी नहीं करना चाहेगा।’
‘मेरे लिए सर्वाइव करना जरूरी था’
विनीत कुमार सिंह ने आगे कहा, ‘मैं कभी नहीं चाहता था कि मेरे पड़ोस का कोई लड़का एक्टर बनने से हतोत्साहित हो जाए, सिर्फ इसलिए कि मैंने कोशिश की और कुछ नहीं हुआ। मैं वो कहानी नहीं बनना चाहता था। मेरे लिए सर्वाइव करना जरूरी था। इसलिए, कई बार आपको ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं।’
कभी सुनील शेट्टी का बॉडी डबल तो कभी संजय दत्त की लाश का रोल
विनीत कुमार सिंह ने फिर बताया कि बॉलीवुड में टिके रहने के लिए उन्होंने सुनील शेट्टी के बॉडी डबल और यहां तक कि संजय दत्त की लाश का किरदार भी निभाया था, क्योंकि वो उनके सर्वाइवल के लिए जरूरी थी। वह बोले, ‘बस एक ही बात याद रखनी है- अपने अंदर की लौ को जलाए रखना। अगर वो बुझ गई, तो कोई तुम्हें ढूंढने नहीं आएगा।’
विनीत कुमार सिंह का करियर
विनीत कुमार सिंह ने महेश मांजरेकर की साल 2002 में आई एक्शन फिल्म ‘पिता’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जिसमें संजय दत्त लीड रोल में थे। इसके बाद उन्होंने छोटे-मोटे किरदार निभाए। फिर साल 2012 में उन्हें अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से पहचान मिली।















