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  • जिन्ना कायद-ए-आजम नहीं शैतान, पाकिस्तान से बलूचों ने क्‍यों बुलंद की आवाज? 77 साल पुरानी वजह

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान में 25 दिसंबर को मोहम्मद अली जिन्ना की 149वीं जयंती मनाई गई है। इस दौरान देशभर के नेताओं ने जिन्ना को याद किया और अलग पाकिस्तान बनाने के लिए उनका धन्यवाद किया। वहीं दूसरी ओर बलूचिस्तान के नेता ने जिन्ना को शैतान कहकर याद किया है क्योंकि उनक वजह से उनका प्रांत पाकिस्तान


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 26, 2025
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    इस्लामाबाद: पाकिस्तान में 25 दिसंबर को मोहम्मद अली जिन्ना की 149वीं जयंती मनाई गई है। इस दौरान देशभर के नेताओं ने जिन्ना को याद किया और अलग पाकिस्तान बनाने के लिए उनका धन्यवाद किया। वहीं दूसरी ओर बलूचिस्तान के नेता ने जिन्ना को शैतान कहकर याद किया है क्योंकि उनक वजह से उनका प्रांत पाकिस्तान का हिस्सा बना। लंबे समय से बलूचिस्तान को अलग देश बनाने की लड़ाई लड़ रहे मीर यार बलूच ने कहा है कि जिन्ना एक शैतान और धोखेबाज था, जिसने 27 मार्च 1948 को बलूचिस्तान पर हमला किया।

    मीर यार बलूच ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में जिन्ना की तस्वीर पर शैतान लिखकर शेयर किया है। मीर इस पोस्ट में लिखते हैं, ’25 दिसंबर 1876 को इस दुनिया में एक शैतान पैदा हुआ था, जिसका नाम मोहम्मद अली जिन्ना था और जिसके पूर्वज पूंजा से थे। वह बलूचिस्तान के कलात के खान, अहमद यार खान का कर्मचारी और वकील था। उसने ब्रिटेन में बलूचिस्तान के कानूनी प्रतिनिधि के तौर पर काम किया। उसने बलूचिस्तान के साथ गद्दारी की और 27 मार्च 1948 को मिलिट्री हमला करके आजाद बलूचिस्तान पर गैर-कानूनी कब्जा किया।’

    जिन्ना की कोई इज्जत नहीं

    मीर ने आगे लिखा कि बलूच राष्ट्र ने कभी भी पाकिस्तान की गुलामी स्वीकार नहीं की। आज भी बलूचिस्तान आजादी के लिए अपना संघर्ष सफलतापूर्वक जारी रखे हुए है। पाकिस्तान ने खुद जिन्ना को नकार दिया, जिसकी मौत बलूचिस्तान के जियारत में गुमनामी में हुई। आज पाकिस्तान में कोई भी जिन्ना को इज्जत की नजर से नहीं देखता। पाकिस्तान में उसके मजार पर लड़के-लड़कियों को अनैतिक काम करते हुए पकड़ा गया है।

    मीर कहते हैं कि जिन्ना का दुखद अंत दुनिया के लिए सबक है। जिन्ना ने कोई व्यक्तिगत या आर्थिक बलिदान नहीं दिया। पाकिस्तान बनाने और भारत को बांटने का कोई कानूनी, नैतिक या कूटनीतिक कारण भी नहीं है। मीर ने आगे कहा कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और वैश्विक समुदाय पाकिस्तान नाम के कैंसर से छुटकारा पाने के लिए ठोस कदम उठाए। दुनिया बलूचिस्तान जैसे शांतिप्रिय राष्ट्र को मान्यता दे।

    बलूचिस्तान में पाकिस्तान का विरोध

    बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान की सेना और सरकार को लेकर विरोध पुराना है। बलूचिस्तान के लोगों को लगता रहा है कि उनको गलत तरह से पाकिस्तान में शामिल किया गया है। ऐसे में 1876 में ब्रिटिश भारत में पैदा हुए जिन्ना को भी बलूचिस्तान के लोग पसंद नहीं करते हैं। जिन्ना ने ही मजहब की बुनियाद पर भारत को बंटवारा कराते हुए पाकिस्तान नाम का नया देश बनाया, ऐसे में बलूच लोग अक्सर गुस्सा निकालते रहते हैं।

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