ब्रिक्स का साल, बड़ा संदेश
2026 में भारत में BRICS देशों का सम्मेलन है। भारत में अब तक हुए तमाम कूटनीतिक इवेंट में यह एक सबसे बड़े आयोजन में एक होगा। भारत सरकार इसे G20 की तर्ज पर ही भव्य और व्यापक बनाने की कोशिश में है जिसके ग्लोबल समुदाय को एक संदेश दे सके।
पड़ोसियों के साथ रिश्ते को बेहतर करने की चुनौती
बांग्लादेश और नेपाल, आने वाले साल की शुरुआत में इन दोनों ही पड़ोसी देशों के चुनाव भारत के लिए भी खासे अहम है। भारत चाहेगा कि पड़ोस में सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण हो। इसके अलावा दूसरे पड़ोसी देशों के साथ संबंध भी अगले साल भारत के लिए अहम होगा।
नैरेटिव वॉर की चुनौती बदले
ग्लोबल ऑर्डर में नैरेटिव वॉर की अहमियत को भारत ने समझा। कूटनीतिक मोर्चे पर यह नई चुनौती सामने आई है। 2026 में भारत की चुनौती होगी कि इस नई चुनौती का सामना करे और नैरेटिव वॉर में भी वह बढ़त ले। जानकारों के अनुसार अब यह आधुनिक कूटनीति का अहम हिस्सा बन गया है।
ग्लोबल संतुलन का साल
पश्चिम एशिया हो या फिर यूक्रेन युद्ध, भारत ने मौजूदा साल में भी लगातार डिप्लोमेसी और डायलॉग के साथ संघर्ष के समाधान की बात की है। भारत ने मौजूदा साल में पूतिन की भारत यात्रा के दौरान रूस के साथ ऐतिहासिक रिश्तों को दोहराया है तो ईयू और यूरोप के देशों के साथ आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों में नया आयाम तलाशने की कोशिशें की है।
भारत-अमेरिका संबंध क्या पटरी पर लौटेंगे?
मौजूदा साल में भारत-यूएस संबंधों ने शायद अपने इतिहास का सबसे अनिश्चित दौर और बुरा दौर देखा। आने वाले साल में भारत को ट्रेड डील की माथापच्ची और राष्ट्रपति ट्रंप के अनिश्चित बयानों के लिए तैयार रहना होगा। क्वॉड सम्मेलन भी टलता गया। वीजा के मसले पर मुश्किलें है।














