सोशल मीडिया और वीडियो कॉल के गलत इस्तेमाल का यह तरीका तेजी से फैल रहा है। इस मामले में युवकों को भरोसे में लेकर पहले दोस्ती की गई, फिर उस वीडियो के जरिए उन्हें डराया गया। बदनामी के डर ने युवकों को चुप रहने पर मजबूर कर दिया और ठगों को रकम वसूलने का मौका मिल गया।
डेटिंग एप से शुरू हुई दोस्ती
जालंधर के एक रियल एस्टेट कारोबारी युवक ने बताया कि उसने डेटिंग एप पर एक युवती से बातचीत शुरू की। चैटिंग के दौरान फोटो शेयर हुए और धीरे-धीरे दोस्ती गहरी हो गई। युवक ने अपने इंजीनियर दोस्त को भी एप के बारे में बताया। उसने भी एक युवती से संपर्क किया। दोनों युवतियों ने खुद को पूजा और रिया बताया और फिर जालंधर आने की बात कहकर भरोसा जीता।
वीडियो कॉल के जरिए फंसाया जाल
कुछ समय बाद वीडियो कॉल शुरू हुई। युवक ने बताया कि कॉल के दौरान सामने अश्लील वीडियो चल रहा था। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता, ठगों ने स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए उसका चेहरा उस वीडियो के साथ जोड़ लिया। कॉल कटते ही फेक न्यूड वीडियो युवकों को भेज दी गई और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी गई।
पैसे देने के बाद भी ब्लैकमेलिंग जारी
डर और बदनामी की वजह से पहले 20 हजार रुपये ट्रांसफर किए, लेकिन फिर ठगों ने वीडियो डिलीट करने के नाम पर किस्तों में एक-एक लाख रुपये दोनों युवकों से ऐंठे। इसके बावजूद ब्लैकमेलिंग बंद नहीं हुई। काफी समय बाद जब दोनों दोस्तों ने एक परिचित से बात की, तब उन्हें समझ आया कि वे साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। फिलहाल दोनों युवक मानसिक तनाव में हैं और शिकायत करने पर विचार कर रहे हैं।















