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  • पाकिस्तानी नागरिक हैं ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों का नरसंहार करने वाले दोनों आतंकी, बाप-बेटे ने मचाया कत्लेआम, लश्कर पर शक

    सिडनी: सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदी पर्व हनुक्का के दौरान हुए आतंकी हमले ने ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ पूरी दुनिया को सन्न कर दिया है। ये आतंकी हमला भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से मेल खाता है। घटना के बाद जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें दोनों आतंकियों को बेरहमी से


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
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    सिडनी: सिडनी के बोंडी बीच पर यहूदी पर्व हनुक्का के दौरान हुए आतंकी हमले ने ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ पूरी दुनिया को सन्न कर दिया है। ये आतंकी हमला भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से मेल खाता है। घटना के बाद जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें दोनों आतंकियों को बेरहमी से बंदूक चलाते देखा जा सकता है। उनके बंदूक चलाने के अंदाज से लगता है कि उन्होंने पिछले कई महीनों से बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ली होगी और प्रैक्टिस किया होगा। रविवार शाम को हुए इस आतंकवादी हमले में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक 12 साल का बच्चा भी शामिल है, जबकि करीब 40 लोग घायल हुए हैं।

    न्यू साउथ वेल्स की पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस आतंकी हमले की जानकारी दी है। पुलिस ने कहा है की इस आतंकी हमले को अंजाम देने वाले दोनों हमलावर बाप-बेटे हैं। पिता का नाम साजिद अकरम था, जो 50 साल का है। वो अब मारा जा चुका है। वहीं बेटे की उम्र 24 साल है और उसका नाम नवीद अकरम है। पुलिस कार्रवाई में साजिद अकरम मारा गया, जबकि नावीद अकरम गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। इस हमले को ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में सबसे घातक आतंकी घटनाओं में से एक माना जा रहा है।

    पाकिस्तानी नागरिक हैं दोनों आतंकी
    वहीं, सीबीसी न्यूज ने अमेरिकी खुफिया सूत्रों और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के हवाले से दोनों आतंकियों को पाकिस्तानी नागरिक बताया है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों हमलावर पाकिस्तानी नागरिक थे और सिडनी में रह रहे थे। जांच में यह भी सामने आया है कि गोलीबारी के बाद पास की एक सड़क पर एक कार से कई “इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस” यानि विस्फोटक बरामद किए गए, जिससे आशंका है कि हमले की साजिश इससे काफी ज्यादा तबाही फैलाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की थी। ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ASIO ने पुष्टि की है कि हमलावरों में से एक, पहले से सुरक्षा एजेंसियों के नजर में संदिग्ध था, लेकिन उसे तत्काल खतरे के रूप में लिस्ट नहीं किया गया था। इस खुलासे के बाद सुरक्षा तंत्र की नाकामियों को लेकर सवाल तेज हो गए हैं।

    हालांकि इस हमले के बीच एक नाम ऐसा भी उभरा है जिसे दुनिया भर में बहादुरी के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। 43 साल के स्थानीय फल विक्रेता अहमद अल अहमद। जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर हमलावर के हाथ से बंदूक छीनकर उसे निहत्था कर दिया। वायरल वीडियो में देखा गया कि अहमद ने पीछे से एक बंदूकधारी पर झपट्टा मारा, उसका हथियार छीन लिया। अहमद को दो गोलियां लगीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।

    दूसरी तरफ, इस हमले ने ऑस्ट्रेलिया में बढ़ती यहूदी-विरोधी हिंसा और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की जड़ों पर नई बहस छेड़ दी है। सबसे ज्यादा सवाल पाकिस्तान को लेकर है, जिसके बारे में भारत हमेशा से कहता आया है कि वो दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देश बन चुका है। पाकिस्तान में चल रही जिहादी फैक्ट्रियों से निकले आतंकी दुनियाभर में फैल रहे हैं और समाज के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई भी आतंकी घटना होती है, उसके तार मजबूती से पाकिस्तान से जुड़े होते हैं। इसीलिए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि दुनिया के हर हिस्से में लोग शांति से रह पाए।

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