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  • प्रशांत किशोर की कांग्रेस में होगी एंट्री! प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद अटकलें तेज

    नई दिल्ली: जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से हालिया मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक नई दिल्ली में करीब दो घंटे तक चली, जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के मौजूदा


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
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    नई दिल्ली: जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से हालिया मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक नई दिल्ली में करीब दो घंटे तक चली, जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के मौजूदा राजनीतिक हालात, चुनौतियों और आगामी चुनावी परिदृश्य पर विचार-विमर्श हुआ।

    हालांकि, दोनों पक्षों ने अभी इस मुलाकात पर कोई टिप्पणी नहीं की है। प्रियंका गांधी से जब पत्रकारों ने इसपर सवाल पूछा तो उन्होंने इसे टालते हुए कहा कि ये कोई न्यूज है, दूसरे जरूरी मुद्दों पर बात कीजिए। लेकिन समय और संदर्भ को देखते हुए इसे सामान्य मुलाकात से कहीं अधिक अहम माना जा रहा है। खासतौर पर ऐसे समय में जब कांग्रेस उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के राज्यों में अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है, प्रशांत किशोर से संवाद को रणनीतिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

    पीके ने कांग्रेस को पुनरुद्धार के लिए दिया था विस्तृत प्रस्ताव

    प्रशांत किशोर और कांग्रेस के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। 2021 में किशोर ने कांग्रेस के पुनरुद्धार को लेकर एक विस्तृत प्रस्ताव दिया था। इसके बाद अप्रैल 2022 में सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी नेतृत्व के सामने पीपीटी प्रेजेंटेशन भी दिया था। उसी वर्ष कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के लिए एक एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप में उन्हें शामिल होने का न्योता दिया था, लेकिन प्रशांत किशोर ने यह कहते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया था कि कांग्रेस को किसी एक सलाहकार से ज्यादा सामूहिक नेतृत्व और गहरे संगठनात्मक सुधारों की जरूरत है।

    खत्म नहीं हुई कांग्रेस और पीके में बातचीत…

    इसके बाद से प्रशांत किशोर ने बिहार में जन सुराज अभियान शुरू कर अपनी अलग राजनीतिक राह चुनी। बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य मौकों पर उन्होंने कांग्रेस की रणनीति और कुछ मुद्दों, खासकर वोट चोरी और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे विषयों पर भी सवाल उठाए थे। बावजूद इसके, कांग्रेस और पीके के बीच संवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुआ।

    ताजा मुलाकात को इसी पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस उत्तर भारत में संगठन को मजबूत करने के लिए नए प्रयोगों और सहयोग के विकल्प तलाश रही है, जबकि प्रशांत किशोर भी राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर संभावनाएं टटोल रहे हैं। हालांकि कांग्रेस में उनके औपचारिक रूप से शामिल होने को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक संकेत नहीं है।

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