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  • भारत और चीन दोनों का फायदा उठा रहा 5 लाख की आबादी वाला मालदीव, मुइज्जू का खुलासा

    माले: इंडिया आउट के नारे की लहर पर सवार होकर जब मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव की सत्ता संभाली तो इसे भारत के लिए झटके के तौर पर देखा गया। सत्ता में आते ही मुइज्जू ने भारत विरोधी रवैया दिखाना शुरू किया और दशकों पुराने दोस्त की जगह चीन की तरफ रुख किया। लेकिन कुछ ही


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 24, 2025
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    माले: इंडिया आउट के नारे की लहर पर सवार होकर जब मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव की सत्ता संभाली तो इसे भारत के लिए झटके के तौर पर देखा गया। सत्ता में आते ही मुइज्जू ने भारत विरोधी रवैया दिखाना शुरू किया और दशकों पुराने दोस्त की जगह चीन की तरफ रुख किया। लेकिन कुछ ही समय में उन्हें समझ आ गया कि भारत से दुश्मनी करके इस इलाके में काम नहीं चल सकता। इसके बाद मुइज्जू ने भारत से रिश्ते सुधारने की पहल शुरू की। हालांकि, मुइज्जू ने बड़ी चालाकी से किसी से भी टकराव की राह न चुनते हुए एक नई नीति विकसित की, जिसमें वह भारत और चीन दोनों से फायदा उठा रहे हैं।

    भारत और चीन दोनों चला रहे बड़े प्रोजेक्ट

    ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ में एक लेख लिखकर मुइज्जू ने अपनी विदेश नीति की खुद ही तारीफ की है और दावा किया है कि एशिया को दो महाशक्तियों भारत और चीन के साथ मालदीव के अच्छे रिश्ते हैं, जिसका देश को फायदा मिल रहा है। मुइज्जू ने बताया कि मालदीव में नए टर्मिनल से राजधानी माले तक पानी के ऊपर चीन ने एक मील लंबा सड़क पुल बनाया है, तो सड़क के दूसरी तरफ माले को तीन पड़ोसी द्वीपों से जोड़ने वाला दूसरा सड़क पुल भारत बना रहा है।

    मुइज्जू ने लेख में दावा किया कि 21वीं सदी की दो उभरती महाशक्तियों द्वारा एक मील से भी कम दूरी पर दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट आधिनिक हाईटेक मालदीव की पहचान है। उन्होंने कहा कि 5 लाख की आबादी वाले देश में ये दो बड़े प्रोजेक्ट सिर्फ इसलिए संभव हो सके हैं, क्योंकि मालदीव अपनी संप्रभुता को महत्व देता है और व्यवहारिक विदेश नीति का पालन करता है।

    मालदीव उठा रहा लोकेशन का फायदा

    उन्होंने भारत और चीन दोनों से रिश्तों को अपनी उपलब्धि बताया और कहा कि मालदीव इस बात का सबूत है कि सिर्फ बड़े देश ही भू-राजनीतिक फायदा नहीं उठा सकते, छोटे देश भी प्राकृतिक संसाधनों से लेकर भाषा और लोकेशन तक हर चीज का फायदा उठाकर ऐसा कर सकते हैं।

    लेख में मुइज्जू ने ब्रिटेन और मालदीव के उभरते रिश्तों का जिक्र किया बताया कि ब्रिटिश निवेश ने लग्जरी पर्यटन क्षेत्र को आकार देने में मदद की है। पिछले साल अकेले 180,000 से ज्यादा ब्रिटिश पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की थी। मुइज्जू ने कहा कि तीन बड़ी शक्तियों (भारत, चीन, ब्रिटेन) की मौजूदगी हमें किसी को चुनने के लिए मजबूर नहीं करती। मुइज्जू ने कहा कि अपने देश के लिए समृद्धि केवल एक पक्ष चुनकर नहीं हासिल की जाती।

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