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  • भारत में चीन और पाकिस्तान से सस्ता क्यों है मोबाइल डेटा? सरकार ने खोल दिया राज, आखिरकार पता लग गई इसकी वजह

    भारत में पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के मुकाबले बहुत सस्ता इंटरनेट है। भले अब देश में टेलीकॉम कंपनियां रिचार्ज प्लान महंगे कर सकती हैं, फिर भी भारत में मिलने वाला इंटरनेट बाकी दुनिया के देशों के मुकाबले सस्ता है। अब भारत सरकार ने उन वजहों के बारे में बताया है, जिनके कारण यहां पर


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 20, 2025
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    भारत में पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के मुकाबले बहुत सस्ता इंटरनेट है। भले अब देश में टेलीकॉम कंपनियां रिचार्ज प्लान महंगे कर सकती हैं, फिर भी भारत में मिलने वाला इंटरनेट बाकी दुनिया के देशों के मुकाबले सस्ता है। अब भारत सरकार ने उन वजहों के बारे में बताया है, जिनके कारण यहां पर इंटरनेट बाकी दुनिया की तुलना में सस्ता है। संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रा शेखर ने 18 दिसंबर 2025 को राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि भारत में कीमत कम होने की वजह सरकारी नीतियां और TRAI के रेगुलेशन हैं। उन्होंने तीन सवालों के जवाब में बताया कि टेलीकॉम नीतियां और ट्राई यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों ने मोबाइल सेवाओं की कीमत को बहुत कम रखा है। इससे भारत के ग्राहकों को फायदा मिल रहा है।

    सबसे सस्ते इंटरनेट वाले देशों में भारत

    टेलीकॉम टॉक की रिपोर्ट (Ref.) के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम यूनियन यानी आईटीयू के 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए संचार मंत्री ने बताया कि मोबाइल सर्विसेज की कीमत की तुलना में भारत सबसे सस्ते देशों में शामिल है। भारत की कीमत पड़ोसी देशों और दूसरे देशों से बहुत कम है। इससे साफ होता है कि भारत में मोबाइल डेटा और कॉल की सुविधा बहुत सस्ती है। कई रिपोर्ट्स में भी भारत को दुनिया के सबसे सस्ते डेटा वाले देशों में गिना जाता है।

    भारत बनेगा दुनिया का डेटा सेंटर

    संचार मंत्री के मुताबिक, TRAI एक्ट 1997 के तहत ट्राई देश में टेलीकॉम कीमतों को नियंत्रित करने वाला स्वतंत्र संस्था है। वर्तमान नियमों में टेलीकॉम सेवाओं की कीमतें बाजार के हिसाब से तय होती हैं। यानी कंपनियां खुद कीमतें तय कर सकती हैं। लेकिन कुछ सेवाओं जैसे नेशनल रोमिंग, ग्रामीण फिक्स्ड लाइन, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी और कुछ अन्य सेवाओं की कीमतें ट्राई नियंत्रित करती है। मंत्री ने सवालों के जवाब में यह भी कहा कि सस्ता डेटा और ब्रॉडबैंड भारत को दुनिया का डेटा सेंटर बनाने में मदद करेगा। अगले चार-पांच सालों में भारत इस दिशा में आगे बढ़ सकता है।

    कंपनियां खुद तय कर सकती हैं कीमत

    टेलीकॉम कंपनियां बाजार की स्थिति और अपने व्यापारिक फैसलों के आधार पर प्लान बना सकती हैं। लेकिन उन्हें नियमों का पालन करना पड़ता है। कीमतें तय करते समय कंपनियां इनपुट लागत, प्रतिस्पर्धा का स्तर और सेवा क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखती हैं। मंत्री ने कहा कि कंपनियां कॉल, एसएमएस और डेटा की अलग-अलग कीमतें तय कर सकती हैं। वे रिचार्ज की वैल्यू और वैलिडीटी के कई विकल्प दे सकती हैं। यह सब बाजार की समझ और व्यापारिक हित में होता है। इससे ग्राहकों को कई तरह के सस्ते प्लान मिलते हैं।

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