‘मासूम’ में नसीरुद्दीन शाह, सईद जाफरी, तनुजा और सुप्रिया पाठक भी थीं। इसे शेखर कपूर ने डायरेक्ट किया था। बाद में ‘मासूम’ को तेलुगु और तुर्की भाषा में भी रीमेक किया गया था।
‘शबाना जी मुझसे दूरी रखतीं, बाकी दोनों बच्चियों से बात करतीं’
जुगल हंसराज ने ‘पिंकविला’ से बातचीत में बताया कि शबाना आजमी ‘मासूम’ की शूटिंग के दौरान उनसे बात नहीं करती थीं, जबकि दूसरे चाइल्ड आर्टिस्ट- उर्मिला मातोंडकर और आराधना से खूब बात करती थीं। जुगल बोले, ‘वो दोनों बच्चियों के साथ फ्रेंडली थीं, क्योंकि वो मां थीं और वो उनके बच्चे फिल्म में थे। लेकिन मुझसे थोड़ी दूर रहती थी शबाना जी।’
‘बाद में पता चला वो उनके प्रोसेस का हिस्सा था’
जुगल हंसराज ने आगे कहा, ‘बाद में पता लगा कि यह उनके प्रोसेस का हिस्सा था। वह नहीं चाहती थी कि हम करीब आएं क्योंकि जो कोल्डनेस है वो स्क्रीन पे दिखनी चाहिए। सबको पता चला कि एक डिसकंफर्ट है मुझमें और मां में भी। तो वो बहुत खूबसूरत से किया था उन्होंने।’
‘मासूम’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरू किया था करियर
‘मासूम’ में शबाना आजमी ने इंदु मल्होत्रा का किरदार निभाया था और जुगल हंसराज उनके सौतेले बेटे राहुल मल्होत्रा के रूप में नजर आए थे। तब वह चाइल्ड आर्टिस्ट थे। यह फिल्म साल 1980 में प्रकाशित एरिक सेगल के उपन्यास ‘मैन, वुमन एंड चाइल्ड’ पर बनी थी। जुगल हंसराज, उर्मिला मातोंडकर और आराधना ने ‘मासूम’ से ही बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने-अपने करियर की शुरुआत की थी।














