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  • हमास के खिलाफ गाजा में नहीं तैनात होगी पाकिस्तानी सेना, विदेश मंत्री इशाक डार ने किया ऐलान

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना में योगदान देने को तैयार है, लेकिन वह हमास के खिलाफ अपने सैनिकों को तैनात नहीं करेगा। इशाक डार का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 28, 2025
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    इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना में योगदान देने को तैयार है, लेकिन वह हमास के खिलाफ अपने सैनिकों को तैनात नहीं करेगा। इशाक डार का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका ने पाकिस्तान से अपनी सेना को गाजा में तैनात करने को कहा है। पाकिस्तानी सेना को गाजा में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) का हिस्सा बना था। यह बल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के लिए 20 सूत्रीय ढांचे का हिस्सा है।

    इशाक डार ने क्या कहा

    इशाक डार ने इस्लामाबाद में साल के अंत में एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, “अगर वे कहते हैं कि हमें जाकर लड़ना शुरू करना चाहिए, हमास को निहत्था करना चाहिए, उनके हथियार छीनने चाहिए, और जाकर उन सुरंगों को नष्ट करना चाहिए जो हमास ने अब तक बनाई हैं, तो यह हमारा काम नहीं है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले पर पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच स्पष्टता है। उन्होंने कहा, “इस मामले पर हमारी बहुत पूरी समझ है कि हम इस तरह का काम नहीं कर सकते।”

    पाकिस्तान ने क्या सफाई दी

    डार ने कहा कि पाकिस्तान बल पर चर्चा करते समय “शांति स्थापना” शब्द का इस्तेमाल कर रहा है और उसने कभी भी “शांति लागू करना” वाक्यांश का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने कहा, “मैं बहुत स्पष्ट रहा हूं: अगर जनादेश शांति लागू करना और हमास को निहत्था करना और उसके हथियार छीनना नहीं है, तो पाकिस्तान खुशी-खुशी शामिल होगा।”

    पाकिस्तान सरकार पर मौलानाओं का दबाव

    माना जा रहा है कि पाकिस्तान का यह बयान देश में बढ़ते मौलानाओं और धार्मिक नेताओं के दबाव में आया है। सोमवार को, पाकिस्तान के इस्लामी विद्वान मुफ्ती तकी उस्मानी की अध्यक्षता में देश के शीर्ष धार्मिक नेताओं के एक समूह ने सरकार को गाजा में सेना भेजने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकने के खिलाफ चेतावनी दी। एक बयान में, देवबंदी, बरेलवी, अहल-ए-हदीस और शिया विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले मौलवियों ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि मुस्लिम देश हमास को निहत्था करने के लिए गाजा में अपनी सेना भेजें। कई मुस्लिम सरकारों ने पहले ही इससे इनकार कर दिया है, और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया जा रहा है।”

    मुसलमानों से लड़ने नहीं जाएगी पाकिस्तानी सेना

    डार ने कहा कि पाकिस्तान “मुसलमानों से लड़ने” के लिए फिलिस्तीन में अपनी सेना नहीं भेजेगा। हालांकि, डार ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि गाजा की आंतरिक सुरक्षा फिलिस्तीनियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “फिलिस्तीनी अथॉरिटी, उनकी सरकार, यह उनका काम है, यह उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसी का काम है।”उन्होंने कहा कि सऊदी अरब, जॉर्डन, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, तुर्की समेत कई देशों के प्रयासों से फिलिस्तीन में कुछ शांति आई है और खून-खराबा कम हुआ है। उन्होंने 1967 से पहले की सीमाओं की मांग करते हुए कहा, “हमारी घोषित नीति यह है कि एक स्वतंत्र दो-राज्य समाधान होना चाहिए।”

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