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  • हिंडनबर्ग रिसर्च के डंक से उबरकर अडानी ग्रुप ने किए ₹80,000 करोड़ के सौदे, क्या है आगे का प्लान?

    नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर कुछ गंभीर आरोप लगाए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन उसके शेयरों में भारी गिरावट आई थी। लेकिन ग्रुप ने तबसे अब तक करीब 80,000 करोड़ रुपये (9.6 अरब डॉलर) के 33 अधिग्रहण पूरे


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 25, 2025
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    नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर कुछ गंभीर आरोप लगाए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन उसके शेयरों में भारी गिरावट आई थी। लेकिन ग्रुप ने तबसे अब तक करीब 80,000 करोड़ रुपये (9.6 अरब डॉलर) के 33 अधिग्रहण पूरे कर लिए हैं। इससे साफ है कि लगभग तीन साल पहले शॉर्ट-सेलर के आरोपों से झटके लगने के बाद भी ग्रुप के पास पूंजी की कमी नहीं है और वह लगातार काम कर रहा है।

    देश के तीसरे बड़े औद्योगिक ग्रुप की यह खरीदारी मुख्य व्यवसायों पर केंद्रित रही है। मार्केट डेटा और कंपनी के सूत्रों के मुताबिक पोर्ट्स में सबसे ज्यादा करीब 28,145 करोड़ रुपये के अधिग्रहण हुए। इसके बाद सीमेंट में 24,710 करोड़ रुपये और पावर में 12,251 करोड़ रुपये के सौदे हुए। नए और उभरते व्यवसायों में 3,927 करोड़ रुपये और ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन में 2,544 करोड़ रुपये के सौदे हुए। इस लिस्ट में जेपी ग्रुप के दिवालियापन की कार्यवाही के तहत 13,500 करोड़ रुपये का प्रस्तावित अधिग्रहण शामिल नहीं है। यह सौदा अभी पूरा नहीं हुआ है। साथ ही, कुछ ऐसे सौदे भी हैं जो अभी चल रहे हैं और इस लिस्ट में नहीं हैं।

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    सबसे बड़ा सौदा

    ये अधिग्रहण ऐसे समय में हुए हैं जब अडानी ग्रुप अपनी विश्वसनीयता फिर से बनाने की कोशिश कर रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने ग्रुप पर गलत तरीके से खाते दिखाने और शेयर बाजार में हेरफेर करने का आरोप लगाया था। पोर्ट्स से लेकर एनर्जी तक फैले इस ग्रुप की वापसी की रणनीति में बैलेंस-शीट को सुधारना और चुनिंदा विस्तार करना शामिल है, ताकि उसकी विश्वसनीयता बहाल हो सके। ग्रुप ने कर्ज कम करने, इक्विटी बढ़ाने और पूंजी आवंटन को बेहतर बनाने को प्राथमिकता दी है। साथ ही, पोर्ट्स, सीमेंट और पावर जैसे मुख्य व्यवसायों में अधिग्रहण जारी रखा है ताकि कैश फ्लो बना रहे और बड़े पैमाने पर काम करने का फायदा मिले।

    पिछले तीन साल में हुए 33 सौदों में सबसे बड़ा सौदा अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के नॉर्थ क्वींसलैंड एक्सपोर्ट टर्मिनल (NQXT) का 21,700 करोड़ रुपये में अधिग्रहण था, जो अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने किया। हालांकि, सबसे ज्यादा सौदे सीमेंट क्षेत्र में हुए, जहां एक के बाद एक कई अधिग्रहण किए गए। अगस्त 2023 में ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स ने सांगी इंडस्ट्रीज में 56.74% हिस्सेदारी 5,000 करोड़ रुपये में खरीदी।

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    सीमेंट सेक्टर

    जनवरी 2024 में, एसीसी ने एशियन कॉंक्रीट्स एंड सीमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को 775 करोड़ रुपये में खरीदा। इसके बाद अप्रैल में माय होम ग्रुप की तूतीकोरिन ग्राइंडिंग यूनिट को 413.75 करोड़ रुपये में, जून में पेन्ना सीमेंट इंडस्ट्रीज को 10,422 करोड़ रुपये में और अक्टूबर 2024 में ओरिएंट सीमेंट को 8,100 करोड़ रुपये में खरीदा गया। अप्रैल में, ग्रुप ने आईटीडी सीमेंटेशन का नियंत्रण भी हासिल कर लिया। मौजूदा प्रमोटरों से 46.64% हिस्सेदारी 3,204 करोड़ रुपये में खरीदी और फिर सार्वजनिक शेयरधारकों से 26% और हिस्सेदारी ली। यह पूरा सौदा 5757 करोड़ रुपये हुआ।

    पोर्ट सेक्टर में, अडानी ग्रुप ने अप्रैल 2023 में कराईकल पोर्ट को 1,485 करोड़ रुपये में, मार्च 2024 में गोपालपुर पोर्ट को 3,080 करोड़ रुपये में और अगस्त 2024 में एस्ट्रो ऑफशोर को 1,550 करोड़ रुपये में खरीदा। मई 2024 में तंजानिया के दार एस सलाम पोर्ट को 330 करोड़ रुपये में खरीदकर एक विदेशी अधिग्रहण भी किया। पावर सेक्टर में खरीदे गए सौदों में लैंको अमरकंटक का 4,101 करोड़ रुपये में अधिग्रहण, विदर्भ इंडस्ट्रीज का 4,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण और कोस्टल एनर्जीन प्राइवेट लिमिटेड का 3,335 करोड़ रुपये में अधिग्रहण शामिल है। अन्य सौदे डेटा सेंटर बिजनेस, पावर ट्रांसमिशन, सड़क और रियल एस्टेट में हुए हैं।

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    आगे की योजना

    विश्लेषकों का कहना है कि कर्ज के अनुपात में सुधार और लगातार काम करते रहने से कर्जदाताओं और निवेशकों का भरोसा बहाल हुआ है। अडानी ग्रुप ने अगले पांच वर्षों में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के कैपेक्स कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। इसमें नए प्रोजेक्ट्स (ग्रीनफील्ड) और मौजूदा प्रोजेक्ट्स के विस्तार (ब्राउनफील्ड) के साथ-साथ अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और लॉजिस्टिक्स पोर्टफोलियो में चुनिंदा अधिग्रहणों से विकास की उम्मीद है।

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