1. अकाउंट ना बनाएं
पीसी मैग की रिपोर्ट (Ref.) बताती है कि अगर आप चैटजीपीटी इस्तेमाल करते हैं तो आमतौर पर अकाउंट बनाना पड़ता है। लेकिन अब आप बिना अकाउंट बनाए भी इसे चला सकते हैं। चैटजीपीटी की वेबसाइट पर जाएं और सीधे बात शुरू करें। इससे आपकी बातचीत का रिकॉर्ड नहीं बचता और कंपनी को आपकी जानकारी कम मिलती है। अगर आपको सिर्फ बेसिक इस्तेमाल करना है और प्राइवेसी चाहिए तो यह सबसे अच्छा तरीका है।
2. इस तरह साइन-अप ना करें
अगर अकाउंट बनाना ही पड़े तो सावधानी रखें। चैटजीपीटी में साइन-अप करते समय गूगल, ऐपल या माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट से जुड़ने का विकल्प मिलता है। लेकिन इससे आपकी कुछ जानकारी उन कंपनियों से शेयर हो जाती है। बेहतर है कि अपना अलग ई-मेल और मजबूत पासवर्ड इस्तेमाल करके अकाउंट बनाएं। इस तरह आपका चैटजीपीटी अकाउंट दूसरे अकाउंट से नहीं जुड़ेगा और पासवर्ड बदलना भी आसान रहेगा।
3. टेंपरेरी चैट का इस्तेमाल करें
अकाउंट से लॉगिन करने पर चैटजीपीटी आपकी सभी बातचीत याद रखता है और उन्हें ट्रेनिंग में इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन अगर कोई खास बातचीत पर्सनल रखनी हो तो टेंपरेरी चैट शुरू करें। चैट विंडो में कोने पर टेंपरेरी चैट का बटन दबाएं। स्क्रीन काली हो जाएगी और मैसेज आएगा कि यह चैट याद नहीं रखी जाएगी। इस मोड में आप ज्यादा निजी बातें कर सकते हैं क्योंकि यह मेमोरी में नहीं जाती।
4. मेमोरी फीचर बंद करें
चैटजीपीटी आपकी बताई बातें याद रखता है जैसे आप क्या काम करते हैं, आपके क्या शौक हैं या परिवार में कौन कौन है। ये वही जानकारी है जिसे यूजर ने कभी न कभी चैटजीपीटी से साझा किया है। यदि आप नहीं चाहते कि यह जानकारी चैटजीपीटी के पास सेव हो तो मेमोरी ऑफ करें। सेटिंग्स में पर्सनलाइजेशन सेक्शन में जाएं और ‘रेफरेंस सेव्ड मेमोरीज’ बंद करें।
5. निकनेम समेत बाकी जानकारी हटाएं
पर्सनलाइजेशन स्क्रीन पर आप अपना निकनेम, नौकरी या दूसरी डिटेल्स डाल सकते हैं। अगर डाल चुके हैं और हटाना चाहते हैं तो फील्ड्स खाली करें और सेव करें। इससे चैटजीपीटी को आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मिलेगी। यह आसान तरीका है पुरानी जानकारी मिटाने का।















