AFP की रिपोर्ट के अनुसार, एमेजॉन के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर स्टीफन श्मिट ने एक लिंक्डइन पोस्ट में बताया है कि उत्तर कोरिया से लोगों के जॉब आवेदन एक साल में एक तिहाई बढ़ गए हैं। यानी लोग बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियों में आईटी नौकरियों के लिए अप्लाई कर रहे हैं।
पहचान भी छुपाते हैं?
ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर कोरियाई लोग अमेरिका में रिमोट जॉब पाने के लिए अपनी पहचान तक छुपा रहे हैं। इसका पता उनकी एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन से चल रहा है, जो संदिग्ध नजर आती हैं।
‘लैपटॉप फार्म’ का इस्तेमाल
अमेरिका में जॉब पाने के लिए ‘लैपटॉप फार्म’ का इस्तेमाल किए जाने की जानकारी भी सामने आई है। यह ऐसी तकनीक है जिसमें देश के बाहर से अमेरिका में चल रहे कंप्यूटरों को ऑपरेट किया जाता है। एमेजॉन के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर का कहना है कि यह समस्या पूरे इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इसी साल जुलाई में अमेरिका के एरिजोना की रहने वाली एक महिला को 8 साल जेल की सजा हुई। वह 300 से ज्यादा अमेरिकी कंपनियों में उत्तर कोरियाई आईटी वर्कर्स को जॉब दिलाने के लिए ‘लैपटॉप फार्म’ का इस्तेमाल कर रही है यानी एक ऐसा तरीका जो अवैध रहा होगा। रिपोर्ट के अनुसार, महिला की वजह से उसे और उत्तर कोरियाई दोनों को फायदा हुआ था।
कंपनियों की सुरक्षा पर खतरा
इस पूरे मामले से अमेरिकी कंपनियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होते हैं। अगर कोई उत्तर कोरियाई वर्कर देश से बाहर बैठकर अमेरिका में चलाए जा रहे कंप्यूटरों को ऑपरेट करता है, तो इससे हैकिंग के खतरे पैदा होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ अमेरिका ही नहीं उत्तर कोरियाई वर्कर और ऑपरेटिव्स अपने पड़ोसी मुल्क साउथ कोरिया को भी टार्गेट करते हैं। उन्होंने लिंक्डइन का इस्तेमाल करके साउथ कोरियाई लोगों से संपर्क किया था ताकि साउथ कोरियाई की रक्षा कंपनियों में काम करने वाले लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके।














