पीएम मोदी ने आगे कहा कि प्राचीन भारतीय तकनीक (सिलाई) वाले जहाज बनाने की तकनीक से बना यह जहाज भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं को दर्शाता है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं इस अनोखे जहाज को बनाने में उनके समर्पित प्रयासों के लिए डिजाइनरों, कारीगरों, जहाज बनाने वालों और भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं। चालक दल को सुरक्षित और यादगार यात्रा के लिए मेरी शुभकामनाएं, क्योंकि वे खाड़ी क्षेत्र और उससे आगे के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंधों को फिर से ताजा करेंगे।
जहाज में हजारों जोड़ हाथ से सिले गए
इस जहाज की खास बात यह है कि इसे पाकृतिक सामग्री और पारंपरिक तरीकों से बनाया गया है। इसे बनाने में केरल में कारीगरों ने काम किया है। जहाज का निर्माण प्रसिद्ध जहाज निर्माता बाबू शंकरण ने किया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस जहाज में हजारों जोड़ हाथ से सिले गए हैं। भारतीय नौसेना ने पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग की है। एक और हैरान करने वाली बात यह है कि इस तरह के जहाज का कोई भी पुराना डिजाइन या ढांचा अब नहीं बचा है। इसलिए इसकी पूरी रूपरेखा अजंता के चित्रों के जरिए तैयार करनी पड़ी है।
क्या है भारतीय नौसेना के इस जहाज की खासियत
- इसमें चौकोर पाल और लकड़ी की पतवारें हैं
- इसे हाथ से चलने वाले चप्पुओं से नियंत्रित किया जाता है
- जहाज के डिजाइन की जांच के लिए आईआईटी मद्रास के समुद्र इंजीनियरिंग विभाग की मदद ली गई
- नेवी ने खुद इस लकड़ी के जहाज की मजबूती का परीक्षण किया
- नेवी इस जहाज को पुराने समुद्री व्यापार मार्गों पर चलाएगी













