गोवा की आजादी भारत के इतिहास में एक अहम अध्याय था, जो देश के अपने इलाके को पूरी तरह से एकीकृत करने के संकल्प को दिखाता है। ‘ऑपरेशन विजय’ 48 घंटे से भी कम समय तक चला, उसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने मिलकर कार्रवाई की। इसके पश्चात 19 दिसंबर 1961 को पुर्तगाली सेनाओं ने शांतिपूर्वक आत्मसमर्पण कर दिया। गोवा को शुरू में केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और बाद में 1987 में उसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।
इसी के बाद से देश गोवा मुक्ति आंदोलन में भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, सैनिकों और नागरिकों की याद में इस दिन को मनाते हैं। यह दिन भारत के उपनिवेशवाद के खिलाफ व्यापक संघर्ष और संप्रभुता और एकता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता की भी याद दिलाता है। पिछले कुछ सालों में गोवा भारत के प्रमुख राज्यों में से एक के रूप में उभरा है, जो न केवल पर्यटन के लिए बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढांचे में लगातार प्रगति के लिए भी जाना जाता है।
पीएम मोदी ने सेनानियों के बलिदान को किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गोवा मुक्ति दिवस पर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया और इस दिवस को उन्होंने भारत की राष्ट्रीय यात्रा का एक निर्णायक अध्याय बताया। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘गोवा मुक्ति दिवस हमें हमारी राष्ट्रीय यात्रा के एक निर्णायक अध्याय की याद दिलाता है। हम उन लोगों के अदम्य साहस को याद करते हैं जिन्होंने अन्याय के आगे झुकने से इनकार कर दिया और साहस व दृढ़ विश्वास के साथ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘गोवा के सर्वांगीण विकास की दिशा में काम करते हुए उनके बलिदान हमें लगातार प्रेरित करते रहते हैं।’
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ‘मैं गोवा के लोगों को उज्जवल और समृद्ध भविष्य की शुभकामनाएं देती हूं। गोवा मुक्ति दिवस पर, राष्ट्र उन वीरों को कृतज्ञता के साथ याद कर रहा है जिन्होंने गोवा को औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाने के लिए निरंतर संघर्ष किया।’
- केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘गोवा मुक्ति दिवस पर मैं इस खूबसूरत राज्य के अपने भाइयों और बहनों को दिल से शुभकामनाएं देता हूं। आज, हम उन बहादुर आत्माओं को याद करते हैं जिनकी हिम्मत और बलिदान से गोवा आज़ाद हुआ और सही मायने में आजeद भारत का हिस्सा बना। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। मैं इन नायकों को सम्मान के साथ नमन करता हूं और हर गोवावासी की भलाई, खुशी और तरक्की के लिए प्रार्थना करता हूं।’
- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुभकामनाएं देते हुए लिखा, ‘आज की पीढ़ी शायद यह नहीं जानती कि 1961 तक भारतीयों को गोवा जाने के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी। प्रभाकर वैद्य, बाला राया मापारी, नानाजी देशमुख और जगन्नाथ राव जोशी जैसे कई महान लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और गोवा की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। हमारे देशभक्तों के महान बलिदानों के बाद, गोवा भारत का एक अभिन्न अंग बन गया। पूरे दिल से आभार व्यक्त करते हुए, मैं उन सभी महान आत्माओं को नमन करता हूं जिन्होंने गोवा की आजादी के लिए बहुत कष्ट सहे।’
- गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक्स पोस्ट में लिखा, ‘गोवा मुक्ति दिवस पर आइए हम गर्व से उस ऐतिहासिक पल को याद करें जिसने औपनिवेशिक शासन का अंत किया और गोवा को भारतीय संघ में मिलाया। इस दिन, मैं उन स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को दिल से श्रद्धांजलि देता हूं जिनके साहस, बलिदान और अटूट संकल्प ने गोवा की मुक्ति का रास्ता बनाया। यह दिन हमें हमारी मुश्किल से मिली आजादी को संजोने और एक आत्मनिर्भर और विकसित गोवा के लिए मिलकर काम करते रहने की याद दिलाता है। इस गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर पर सभी गोवावासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।’
(इनपुट-भाषा, आईएएनएस)















