चांदी की इस असाधारण बढ़ोतरी पर बाजार के जानकार आपस में चर्चा कर रहे हैं। खासकर इसलिए क्योंकि चांदी कई दूसरी चीजों के मुकाबले बहुत तेजी से महंगी हो रही है। व्यापारी, खासकर वे जो बेस मेटल (जैसे तांबा, लोहा) और कीमती धातुओं (जैसे सोना, चांदी) दोनों में निवेश करते हैं, इस चाल पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। कीमतों में तेजी का यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या यह तेजी ऐसे ही बनी रहेगी या नहीं।
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कीमत में गिरावट की चेतावनी
रॉबर्ट कियोसाकी ने एक्स पर एक पोस्ट में चांदी की कीमत को लेकर अपनी राय रखी है। उन्होंने अपने पोस्ट में पूछा, ‘क्या चांदी का बुलबुला फूटने वाला है?’ उन्होंने पोस्ट में बताया कि वे लंबे समय से चांदी के समर्थक रहे हैं। उन्होंने साल 1965 में पहली बार चांदी खरीदी थी। लेकिन अब उनका मानना है कि अभी की चांदी में तेजी शायद FOMO (कुछ खो देने का डर) की वजह से है। उन्होंने कीमत में गिरावट की चेतावनी भी दी है।
निवेश को लेकर क्या कहा?
कियोसाकी ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे सावधान रहें। उन्होंने कहा, ‘अगर आप चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो धैर्य रखें। गिरावट का इंतजार करें, फिर या तो निवेश करें या न करें।’ इस चेतावनी के बावजूद, उन्होंने चांदी के भविष्य को लेकर अपना भरोसा जताया। उनका मानना है कि साल 2026 तक चांदी 100 डॉलर प्रति औंस और शायद 200 डॉलर तक भी पहुंच सकती है। उन्होंने अपनी ‘रिच डैड’ फिलॉसफी का एक अहम सिद्धांत दोहराया: ‘आपका मुनाफा तब बनता है जब आप खरीदते हैं… न कि तब जब आप बेचते हैं।’
कहां पहुंची चांदी की कीमत?
सोमवार को चांदी की कीमत में गिरावट के बाद इसमें सुधार भी शुरू हो गया। मंगलवार शाम एमसीएक्स पर इसमें 17 हजार रुपये यानी 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी आ गई थी। इस तेजी के साथ चांदी का भाव 2.40 लाख रुपये के पार चला गया था।













