• International
  • चेनाब में पानी की कमी से यूं ही नहीं भारत के खिलाफ बौखलाया पाकिस्तान, एक-एक रोटी को तरस सकता है कंगाल देश, बड़ा खतरा

    इस्लामाबाद: सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के भारत के फैसले ने पाकिस्तान की हालत खराब कर दी है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत पर समझौते का उल्लंघन का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत पानी का बहाव रोक रहा है। पाकिस्तान ने इस मामले को लेकर भारत को पत्र


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 19, 2025
    Views
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    इस्लामाबाद: सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के भारत के फैसले ने पाकिस्तान की हालत खराब कर दी है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत पर समझौते का उल्लंघन का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत पानी का बहाव रोक रहा है। पाकिस्तान ने इस मामले को लेकर भारत को पत्र लिखा है। एक साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने इसकी जानकारी दी और बताया कि इसमें चिनाब नदी के प्रवाह में हुए अचानक बदलाव के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। दरअसल पाकिस्तान की तिलमिलाहट यूं ही नहीं है। पाकिस्तान के पंजाब में अलग-अलग हिस्सों में गेहूं की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है।

    चिनाब में पानी पर पाकिस्तान में हाहाकार

    पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन की रिपोर्ट में पंजाब सिंचाई विभाग के सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया है कि स्थिति सच में परेशान करने वाली है। नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, जब भारत बिना बताए बांधों से नीचे (पाकिस्तान) की ओर पानी छोड़ता है तो बहाव अचानक बढ़ जाता है। कभी-कभी वे कई दिनों तक पानी रोक लेते हैं, जिससे बहाव बहुत कम हो जाता है।

    पाकिस्तानी अधिकारी ने आगे कहा कि यह स्थिति हमारे लिए बहुंत गंभीर और अजीब है क्योंकि पानी के बहाव में कमी के चलते कई गांवों में किसान गेहूं की फसलों को पानी नहीं दे पाए, जो उन्हें नहरों से मिलता था। एक किसान ने डॉन को बताया कि नहरों में पानी नहीं होने पर उन्हें ट्यूबवेल मालिकों से पानी खरीदना पड़ता है।

    पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा को खतरा

    पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने कहा, पाकिस्तान इन बदलावों को बहुत चिंता और गंभीरता से देखता है। उन्होंने कहा कि नदी के बहाव में कोई भी हेरफेर, खासकर हमारे कृषि चक्र के महत्वपूर्ण समय में, सीधे तौर पर हमारे लोगों के जीवन और आजीविका के साथ ही खाद्य और आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा है। इस दौरान अंद्राबी ने सिंधु जल संधि को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाई।

    उन्होंने कहा, ‘अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भारत द्वारा एक द्विपक्षीय संधि की लगातार अनदेखी पर ध्यान देना चाहिए और भारत को जिम्मेदारी से और अंतर्राष्ट्रीय कानून और स्थापित मानदंडों के साथ-साथ अपने स्वयं के दायित्वों के अनुसार कार्य करने की सलाह देनी चाहिए।’

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हर महीने  ₹199 का सहयोग देकर आज़ाद हिन्द न्यूज़ को जीवंत रखें। जब हम आज़ाद हैं, तो हमारी आवाज़ भी मुक्त और बुलंद रहती है। साथी बनें और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा दें। सदस्यता के लिए “Support Us” बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।