चिंता की बात यह है कि यह डर सिर्फ अवैध प्रवासियों तक सीमित नहीं है, बल्कि जिन लोगों के पास वैध वीजा है, और जिन लोगों ने प्राकृतिक नागरिकता भी हासिल कर रखी है, वो भी घर से बाहर निकलने में कतराते हैं, बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही यात्रा करते हैं। ऐसे लोग भी खुद को लो प्रोफाइल रखते हैं। इनके मन में भी डर है कि कहीं अधिकारी इन्हें गिरफ्तार कर डिपोर्ट ना कर दे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैध वीजा वाल 32 प्रतिशत लोग और प्राकृतिक वीजा धारक 15 प्रतिशत लोगों ने यात्रा करनी बंद कर दी है। जबकि, बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों में करीब दो-तिहाई, यानी 63% लोग, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय, दोनों तरह की यात्रा से बच रहे हैं।
अमेरिका में अप्रवासियों का बुरा हाल
अमेरिका में इस वक्त क्रिसमस की छुट्टियां चल रही हैं और कई दिनों की छुट्टी है। ऐसे में हर साल भारी संख्या में लोग यात्रा करते हैं। लेकिन इस बार यात्रा में काफी कमी आई है। KFF और NYT की सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि ट्रंप प्रशासन के तहत एयरपोर्ट पर काफी सख्ती बरती जा रही है, घरेलू उड़ानों पर नजर रखी जा रही है, ट्रांसपोर्ट सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (TSA) ने घरेलू यात्रा से जुड़ा डेटा, जैसे कि पैसेंजर मैनिफेस्टो, इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) अधिकारियों के साथ शेयर करना शुरू कर दिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उन इमिग्रेंट्स की गिरफ्तारी हो सके, उन्हें हिरासत में लिया जा सके और उन्हें देश से बाहर निकाला जा सके, जो गैर-कानूनी रूप से रह रहे हो सकते हैं।
भारतीय वीजा धारकों पर सबसे ज्यादा असर
टेक्सास में रहने वाली 30 साल की भारतीय IT प्रोफेशनल शिखा एस. ने दो साल बाद अपने माता-पिता से मिलने के लिए भारत जाने के लिए टिकट बुक किए थे। लेकिन H-1B प्रोफेशनल्स की एक्स्ट्रा जांच और अपॉइंटमेंट में देरी की खबरों के बाद, उन्होंने अपनी यात्रा मजबूर होकर टाल दी है। मुंबई में रहने वाले शिखा के पिता ने कहा, “मेरी बेटी H-1B वीज़ा पर है और भले ही उसे अभी एक्सटेंशन या स्टैंपिंग की जरूरत नहीं है, लेकिन हमने उसे अपनी यात्रा टालने की सलाह दी है। हम नहीं चाहते कि उसे किसी भी गैर-जरूरी परेशानी का सामना करना पड़े।”
जुलाई महीने से डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने H-1B और H-4 वीजा से जुड़े कई नियम बदल दिए हैं, जिसका सीधा असर भारतीयों पर पड़ा है। वीजा रिमोट रिन्यूअल खत्म कर दिया गया, नए आवेदनों पर भारी फीस लगा दी गई है और वीजा जारी करने से पहले सोशल मीडिया स्क्रीनिंग जरूरी कर दी गई है। इसके चलते कई भारतीय प्रोफेशनल फंस गये हैं। इमिग्रेशन वकीलों और माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को गैर-जरूरी विदेश यात्रा से बचने की सलाह दी है।













