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  • तुर्की के खिलाफ ग्रीस, साइप्रस के साथ ज्वाइंट फोर्स बना रहा इजरायल, भूमध्यसागर में फंसे खलीफा एर्दोगन, बदला ले रहे नेतन्याहू?

    तेल अवीव/अंकारा: इजरायली अधिकारियों ने ग्रीस की मीडिया कि उस रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि इजरायल, ग्रीस और साइप्रस के साथ ‘ज्वाइंट इंटरवेंशन फोर्स’ बना रहे हैं। ग्रीस की मीडिया ने दावा किया है कि ग्रीस और साइप्रस के साथ मिलकर इजरायल एक ज्वाइंट फोर्स बना रहा है, जो


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 21, 2025
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    तेल अवीव/अंकारा: इजरायली अधिकारियों ने ग्रीस की मीडिया कि उस रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि इजरायल, ग्रीस और साइप्रस के साथ ‘ज्वाइंट इंटरवेंशन फोर्स’ बना रहे हैं। ग्रीस की मीडिया ने दावा किया है कि ग्रीस और साइप्रस के साथ मिलकर इजरायल एक ज्वाइंट फोर्स बना रहा है, जो हवाई, जमीन और समंदर के जरिए एक दूसरे की मदद करेंगे। इसमें खासकर पूर्वी भूमध्यसागर का जिक्र किया गया है, जिसे तुर्की का सबसे कमजोर नस माना जाता है। तुर्की ने पिछले कुछ महीनों से सीरिया के रास्ते प्रेशर बनाने की कोशिश की तो इजरायल ने पूर्वी भूमध्यसागर में उसे घेर लिया है। माना जा रहा है कि तुर्की ने जो दुश्मनी निभाई है, अब इजरायल इसका बदला ले रहा है।

    इजरायली अखबार ynet ने दावा किया है कि भले ही इजरायली अधिकारियों ने ऐसे किसी फोर्स के गठन से इनकार किया है, लेकिन हकीकत ये है कि इजरायल के राजनीतिक नेतृत्व ने पहले ही इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) को अपनी इस योजना के बारे में पूरी जानकारी दे दी है। इसमें IDF को शुरुआती प्लान बनाने के लिए कहा गया है। यानि, इजरायल अब खुलकर तुर्की के खिलाफ खड़ा हो गया है। ynet न्यूज के मुताबिक फिलहाल कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और राजधानी तेल अवीव में मिलिट्री प्लानर, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज़ से मिलने वाले आगे के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल, सरकार ने IDF को शुरुआती प्लानिंग स्टेज से आगे न बढ़ने का निर्देश दिया है।

    तुर्की को साइप्रस और ग्रीस से इजरायल ने घेरा
    ynet ने कहा है कि अगर यह फोर्स बनती है, तो ग्रीक-इजरायली-साइप्रस इंटरवेंशन फोर्स का मुख्य मिशन शायद पूर्वी भूमध्य सागर बेसिन में तुर्की की गतिविधियों का मुकाबला करना होगा। इस फोर्स का मकसद इस क्षेत्र में इजरायल, ग्रीस, साइप्रस और शायद मिस्र के आर्थिक और रणनीतिक हितों की रक्षा करना होगा। इसमें तुर्की और उत्तरी साइप्रस के तुर्की गणराज्य, जो 1974 में तुर्की के द्वीप पर हमले के बाद बना एक स्व-घोषित देश है, उसके दावा किए गए क्षेत्रों में समुद्र में प्राकृतिक गैस और तेल उत्पादन क्षेत्रों और मछली पकड़ने के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है। इसके अलावा, इजरायल की गैस पाइपलाइन, जो यूरोप तक ऊर्जा आपूर्ति के लिए बनाई जा रही है और जिसका तुर्की विरोध करता है, उसका सुरक्षा करना भी इस फोर्स का मकसद होगा।

    ग्रीस और तुर्की के बीच एजियन सागर के कई द्वीपों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसीलिए ग्रीस का इजरायल का हाथ मिलाना एर्दोगन के लिए बहुत बड़ा झटका है। हालांकि ताकत के हिसाब से ग्रीस को तुर्की के मुकाबले कमजोर माना जाता है, लेकिन इजरायल के मिलने से ग्रीस की ताकत काफी बढ़ जाता है। तुर्की की नौसेना और थल सेना, ग्रीस के मुकाबले काफी मजबूत है, लेकिन ग्रीस की वायुसेना की ताकत तुर्की से काफी ज्यादा है। ऐसे में इजरायली अधिकारियों का मानना है कि अगर IDF की एडवांस एयर फोर्स, खुफिया क्षमताएं और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध कौशल को ग्रीस और ग्रीक साइप्रस के साथ जोड़ दिया जाए, तो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन तुर्की के हाथ से आसानी से छीना जा सकता है। इससे तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन को पूर्वी भूमध्यसागर में किसी आक्रामक कदम से उठाने से पहले सौ बार सोचने को मजबूर होना पड़ेगा।

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