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  • पाकिस्तान के पास सरकारी एयरलाइन चलाने के लिए पैसा नहीं, नीलामी में 3 कंपनियों ने लगाई बोली

    नई दिल्ली: पाकिस्तान इस समय बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पड़ोसी देश की आर्थिक स्थिति इस कदर खराब है कि उसके पास सरकारी एयरलाइन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ( Pakistan International Airlines ) को चलाने के लिए पैसा नहीं है। यह कंपनी बड़े घाटे में चल रही है। पाकिस्तान सरकार ने इस एयरलाइन


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 23, 2025
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    नई दिल्ली: पाकिस्तान इस समय बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पड़ोसी देश की आर्थिक स्थिति इस कदर खराब है कि उसके पास सरकारी एयरलाइन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ( Pakistan International Airlines ) को चलाने के लिए पैसा नहीं है। यह कंपनी बड़े घाटे में चल रही है। पाकिस्तान सरकार ने इस एयरलाइन कंपनी को बेचने के लिए मंगलवार को फिर से प्रयास किया। मंगलवार को हुई नीलामी में 3 कंपनियों ने बोली लगाई।

    यह नीलामी पाकिस्तान का सरकारी एयरलाइन को बेचने का दूसरा प्रयास था। पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल भी इसे बेचने की कोशिश की थी, जो नाकाम रही थी। तब केवल एक ही बोली आई थी, जो सरकार की तय कीमत से बहुत कम थी। इस वजह से लगभग दो दशकों में पाकिस्तान का यह पहला बड़ा निजीकरण नहीं हो पाया था।
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    कितनी हिस्सेदारी बिकेगी?

    पाकिस्तान सरकार पीआईए की 75 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। हालांकि पाकिस्तान सरकार पीआईए में 100% तक हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 75% से अधिक हिस्सेदारी के लिए 15% का प्रीमियम देना होगा।

    किन कंपनियों ने लगाई बोली?

    इस एयरलाइन को खरीदने के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई है। बोली लगाने वालों में एक समूह था जिसका नेतृत्व लकी सीमेंट लिमिटेड कर रहा था। इस समूह में पावर प्रोड्यूसर हब पावर होल्डिंग्स लिमिटेड, कोहट सीमेंट कंपनी लिमिटेड और निवेश फर्म मेट्रो वेंचर्स भी शामिल थे।

    दूसरा समूह आरिफ हबीब कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नेतृत्व में था। इसमें फर्टिलाइजर निर्माता फातिमा फर्टिलाइजर कंपनी लिमिटेड, निजी स्कूल नेटवर्क सिटी स्कूल्स और रियल एस्टेट फर्म लेक सिटी होल्डिंग्स लिमिटेड शामिल थे। तीसरा बोलीदाता निजी एयरलाइन एयर ब्लू (प्राइवेट) लिमिटेड था।

    कैसे होगा फैसला

    तीनों ग्रुप की ओर से यह बोली एक पारदर्शी बॉक्स में लगाई गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान सरकार बुधवार को पीआईए के लिए एक तय कीमत बताएगी और अगर बोली उस कीमत से ज्यादा हुई तो विजेता का ऐलान किया जाएगा। पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था, ‘मैं मंत्रियों और निजीकरण आयोग के प्रमुख को इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं।’ उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगियों से दूसरी बोली प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह किया था।

    पिछले साल नाकाम रही थी कोशिश

    पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल एयरलाइंस की 60% हिस्सेदारी के लिए न्यूनतम मूल्य 305 मिलियन डॉलर तय किया था। लेकिन केवल रियल एस्टेट डेवलपर ब्लू वर्ल्ड सिटी से 36 मिलियन डॉलर की एक बोली मिली। ब्लू वर्ल्ड सिटी ने PIA की वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए अपनी पेशकश बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

    आईएमएफ से कनेक्शन

    एयरलाइन की बिक्री पाकिस्तान के आईएमएफ बेलआउट के तहत निजीकरण के व्यापक अभियान का हिस्सा है। इसमें सरकारी बैंकों, बिजली वितरण कंपनियों और अन्य घाटे वाले उद्यमों में हिस्सेदारी बेचने की योजनाएं भी शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य वित्तीय घाटे को कम करना और निवेशकों का विश्वास बहाल करना है।

    कितना हुआ कंपनी को घाटा?

    पीआईए को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज से भी हटा दिया गया है। साल 2022 में कंपनी को 4,37,000 डॉलर का घाटा हुआ था, जबकि उसकी कमाई 8,54,000 डॉलर थी। यह दिखाता है कि कंपनी कितनी घाटे में चल रही थी।

    आईएमएफ के साथ हुए 7 अरब डॉलर के लोन समझौते के तहत पाकिस्तान सरकार को 2029 तक अपनी कई घाटे वाली सरकारी कंपनियों को बेचना है। इन कंपनियों में फाइनेंस, ऊर्जा, उद्योग और रिटेलिंग सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कई कंपनियां खराब मैनेजमेंट और भ्रष्टाचार की वजह से अरबों डॉलर का घाटा झेल चुकी हैं। सरकार को इन्हें चलाने के लिए बार-बार पैसा देना पड़ता है।

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