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  • बैटल ऑफ गलवान: सलमान खान ने 8 साल पहले भारत-चीन युद्ध पर कही थी करारी बात, ड्रैगन को लगेगी मिर्ची

    सलमान खान की फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ का टीजर रिलीज क्या हुआ, चीन में हड़कंप मच गया। चीनी मीडिया ने इसे सबसे ‘कमजोर’ और ‘प्रोपेगैंडा वाली फिल्म’ बताया। ‘बैटल ऑफ गलवान’ साल 2020 में गलवान की घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लड़े गए युद्ध पर आधारित है। इस फिल्म ने एक बार


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 31, 2025
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    सलमान खान की फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ का टीजर रिलीज क्या हुआ, चीन में हड़कंप मच गया। चीनी मीडिया ने इसे सबसे ‘कमजोर’ और ‘प्रोपेगैंडा वाली फिल्म’ बताया। ‘बैटल ऑफ गलवान’ साल 2020 में गलवान की घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लड़े गए युद्ध पर आधारित है। इस फिल्म ने एक बार फिर उस युद्द और गलवान घाटी की कहानी को ताजा कर दिया। चीनी मीडिया सख्त नाराज दिखा और वहां के यूजर्स ने भी फिल्म के प्रति आपत्ति जताई। इसी बीच सलमान का भारत और चीन के रिश्तों पर दिया पुराना बयान वायरल हो रहा है।

    ‘बैटल ऑफ गलवान’ भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी सलमान की पहली फिल्म नहीं है। इससे पहले उन्होंने फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ की थी, जो 2017 में रिलीज हुई थी और कबीर खान ने डायरेक्ट की थी। वह फिल्म भी 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित थी। सलमान का किरदार लक्ष्मण, एक मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति है, जिसे ट्यूबलाइट कहा जाता है। वह छोटे भाई भरत (सोहेल खान) को खोजने के लिए निकल पड़ता है, जो 1962 के भारत-चीन युद्ध में कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात है।

    सलमान ने भारत-चीन युद्ध पर कही थी यह बात

    तब सलमान खान ने ‘ट्यूबलाइट’ के प्रमोशन के दौरान ‘आईएएनएस’ से कहा था, ‘अगर आप किसी से भी पूछें कि युद्ध अच्छा है या बुरा, तो कोई भी यह नहीं कहेगा कि युद्ध अच्छा है। चाहे जो भी विवाद हों, उन्हें बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। यह एक नकारात्मक भावना है। कोई भी इसका समर्थन नहीं करता, लेकिन यह होता है और कोई नहीं जानता कि क्यों?

    ‘जो युद्ध का आदेश देते हैं उन्हें सीमा पर जाकर लड़ना चाहिए’

    सलमान ने युद्ध का आदेश देने वाली सरकारों को भी दोषी ठहराया था, जिनकी वजह से अनगिनत सैनिकों की जान जाती है। उन्होंने कहा था,’ मुझे लगता है कि युद्ध का आदेश देने वालों को युद्ध के मोर्चे पर भेजकर, उन्हें बंदूकें देकर पहले लड़ने के लिए कहना चाहिए। एक दिन में ही युद्ध रुक जाएगा। उनके हाथ-पैर कांपने लगेंगे। युद्ध रुक जाएगा और वो सीधे बातचीत के लिए बैठेंगे। हमने बस इस विषय को छुआ है और हमारा मुख्य संदेश यही है कि युद्ध जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए ताकि हमारे सैनिक हमारे पास लौट सकें और उनके सैनिक अपने देश लौट सकें। जब भी युद्ध होता है, दोनों तरफ से सैनिक मारे जाते हैं, जिससे कई परिवार अपने बेटों या पिताओं को खो बैठते हैं।’

    यहां देखिए ‘बैटल ऑफ गलवान’ का टीजर:

    गलवान की लड़ाई के बारे में चीनी मीडिया क्या कह रहा?

    मालूम हो कि ‘बैटल ऑफ गलवान’ के टीजर से चीन में ‘आग’ भड़की हुई है। चीन के न्यूज पोर्टल ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने आलोचना की है। उसने कहा कि फिल्म और इसके सीन्स हकीकत से परे हैं। इसमें तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। ग्लोबल टाइम्स ने फिल्म को ‘प्रोपेगैंडा फिल्म’ बताया। वहीं, एक चीनी एक्सपर्ट ने कई वीबो अकाउंट्स का हवाला देते हुए ‘बैटल ऑफ गलवान’ के 1.12 मिनट के टीजर के कुछ सीन्स पर आपत्ति जताई। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने एक आर्टिकल छापा कि फिल्म चाहे कितनी भी नाटकीय हो, देश की सीमा पर असर नहीं डाल सकती। यहां तक कि, चीनी एक्सपर्ट्स ने टीजर में सलमान खान के हेयर स्टाइल और वर्दी तक की आलोचना की।

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