जावेद खनानी असल में अल्ताफ खनानी का भाई था, जो हवाला किंग के रूप में काम करते थे। दोनों भाइयों ने भारत की अर्थव्यवस्था को नकली नोटों के जरिए खोखला करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। जो खनानी ब्रदर्स हमेशा अपने पास 1000 से 1500 करोड़ तक के भारतीय नकली नोट अपने पॉकेट में रखते थे, उनका 11 सितबर 2015 से 8 नवंबर 2016 के बीच ऐसा हाल हुआ कि हर कोई हैरान रह गया। अल्ताफ खनानी को तो 20 साल की सजा और ढाई लाख डॉलर का जुर्माना लगाया गया, तो वहीं जावेद खनानी की ऐसी मौत हुई कि हर कोई सिहर उठा। इसे लेक बॉलीवुड के स्क्रीनराइटर और फिल्म क्रिटिक सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ ने फेसबुक पर एक पोस्ट में पूरी कहानी और इवेंट्स की क्रॉनोलॉजी समझाई है। साथ ही बताया है कि ‘धुरंधर 2’ में जावेद खनानी की मौत कैसे दिखाई जाएगी।
जावेद और अल्ताफ खनानी वैसे तो सिंपल, पर खौफनाक इरादों वाला काम
सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ ने बताया है कि जावेद और अल्ताफ खनानी वैसे तो दुनिया को दिखाने के लिए बहुत ही सिपंल काम करते थे। यह काम था मनी एक्सचेंज का,जिसमें वह दुनिया के किसी भी कोने से पैसे मंगवाकर लोगों को देते थे और इसका कमीशन खाते थे। पर उनका असली काम दो नंबर का था, और वह था नकली नोट बनाने, काले पैसे को सफेद करने और पूरा हवाला रैकेट चलाना। जावेद खनानी ने इतने सारे घोटाले किए थे कि वह तीन बार गिरफ्तार हुआ, पर हर बार बच गया। बताया जाता है कि उसके सिर पर किसी बड़े संगठन का हाथ था।
हवाला के पैसे का कहीं ट्रेस नहीं, फिर अल्ताफ अमेरिका भाग गया
‘डॉन’ की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि अल्ताफ और जावेद खनानी साल 2009 आते-आते पूरे पाकिस्तान का 30 से 40% मनी एक्सचेंज हवाला से करने लगे थे। हवाला के जरिए पैसों का जो लेन-देन किया जाता, उसका कहीं कोई ट्रेस नहीं मिलता था। यानी पूरा पैसा टैक्स फ्री हो जाता था। इसी बीच अल्ताफ खनानी भाई को छोड़कर अमेरिका निकल गया और वहां मनी लॉन्डरिंग करने लगा।
7 नवंबर और 8 नवंबर 2016 का कनेक्शन, और नोटबंदी
यहां से पूरा गेम पलट गया। दरअसल, 11 सितंबर 2015 को अमेरिका में ड्रग्स-एंफोर्समेंट-एडमिनिस्ट्रेशन को एक टिप मिली। इसके बाद खनानी और कालिया की कंपनी पर छापा पड़ा। अल्ताफ खनानी को गिरफ्तार कर लिया गया। केस चला, सुनवाई हुई और फिर 7 नवंबर 2016 को अमेरिका की एक कोर्ट ने अल्ताफ को 20 साल की सजा सुना दी। साथ में ढाई लाख डॉलर का जुर्माना लगा। एक तरफ अमेरिका में यह सब चल रहा था, और दूसरी ओर अगले ही दिन यानी 8 नवंबर 2016 की रात भारत में नोटबंदी का ऐलान हो गया और हंगामा मच गया।
नोटबंदी से रद्दी बना हजारों करोड़ रुपया, 1 महीने के अंदर ही मौत
जावेद खनानी फंस गया क्योंकि उसे जेल से बचने के लिए ड्रग्स से लेकर हथियार पॉलिटिक्स और आईएसआई…इन चारों से सांठगांठ करके चलना पड़ता था। सांठगांठ के चक्कर में कुछ वादे भी करने पड़े। ऐसा ही एक वादा खनानी ने उज़ैर बलोच से किया था। खनानी को उसके पॉलिटिकल मूवमेंट के लिए मोटी रकम देनी थी, लेकिन नोटबंदी के कारण हजार करोड़ से ऊपर का सारा नकली पैसा एकदम रद्दी हो चुका था। उसके सिर पर खतरा मंडराने लगा था। फिर भारत में नोटबंदी को एक महीना भी नहीं बीता कि जावेद खनानी की मौत हो गई।
बिल्डिंग से गिरा, बिजली के तारों से टकराया, सुसाइड था या फिर हत्या?
जावेद खनानी के पार्टनर्स ने बताया कि 4 दिसम्बर 2016 को खनानी अपनी आठ मंजिला बिल्डिंग से नीचे गिर गया, जबकि परिवार का कहना था कि उसने सुसाइड किया था। लेकिन बताया जाता है कि जावेद खनानी बिल्डिंग की आठवीं मंजिल से गिरा या फेंका गया था वह पहले तो बिजली के खतरनाक तारों से टकराया। तगड़ा स्पार्क हुआ और फिर जमीन पर गिरते ही तड़प-तड़पकर मर गया। पोस्ट के मुताबिक, एसपी जावेद मुश्ताक ने जावेद की मौत पर एक जांच बिठाई थी। उसने जावेद खनानी की हत्या, आत्महत्या और हादसा…तीनों पर इनक्वायरी करनी चाही, पर कभी पूरी हो नहीं सकी। एसपी मुश्ताक का ‘धुरंधर’ में भी दो बार जिक्र किया गया है।
‘धुरंधर 2’ में ऐसे दिखाई जाएगी जावेद खनानी की मौत?
‘धुरंधर 2’ में जावेद खनानी को बिजली के तारों पर गिरते हुए और तड़प कर मरते हुए दिखाया जाएगा। फर्क बस इतना होगा कि तारों में हुए तगड़े स्पार्क को दिखाने के लिए उस सीन को रात में शूट किया जाएगा, जबकि असल जिंदगी में उसकी मौत दोपहर में डेढ़ बजे के आसपास हुई थी।















