भारत में 300 से ज्यादा रूसी एयरक्राफ्ट
यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन के CEO वादिम बडेखा ने रोसिया 24 को बताया कि रूस और भारत मिलकर जॉइंट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट डेवलप कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारत हमारे और हमारी एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए एक पुराना और बहुत अहम पार्टनर है। भारत में 300 से ज्यादा रूस में बने एयरक्राफ्ट उड़ते हैं। उनमें से कई हमारी बनाई भारतीय फैक्ट्रियों में बनाए गए थे। यह बात कई एयरक्राफ्ट पर लागू होती है, जैसे Su-30 भारत में बनता है—और उनके इंजन पर भी।”
भारत ने देखी सुखोई की ताकत
उन्होंने आगे कहा, “बेशक, ये काबिलियत, ये कंपनियाँ, ये स्पेशलिस्ट, और हमारी कंपनियों के बीच कनेक्शन, इन जगहों पर सिविल एविएशन इक्विपमेंट के प्रोडक्शन के लिए एक मजबूत नींव बनाते हैं। भारत आज के सुखोई सुपरजेट की हाई एफिशिएंसी देख रहा है। हम आज देखते हैं कि इसकी रिलायबिलिटी और एफिशिएंसी किसी भी तरह से विदेशी एनालॉग्स से कम नहीं है।
भारत एक अच्छा बाजार
UAC के सीईओ ने कहा, “सबसे अच्छा इंडिकेटर यह है कि आज सुखोई सुपरजेट रूस में सबसे आगे है, और बेशक इस प्रोजेक्ट में सबसे जरूरी बात यह है कि सुखोई सुपरजेट, हमारे बाकी सिविलियन एयरक्राफ्ट की तरह, पूरी तरह से हमारे देश में ही बनता है। हम दुनिया के अकेले ऐसे देश हैं जहां सभी कंपोनेंट पूरी तरह से डेवलप और मैन्युफैक्चर किए जाते हैं। इससे प्रोग्राम के सफल होने के लिए हालात बनते हैं। मुझे नहीं पता कि प्रोजेक्ट की दिशा को कैसे बेहतर बनाया जाए। मैं भारत जा रहा हूं। यह एक अच्छा बाजार है।”













