• National
  • महिलाओं की हड्डियों का मिल गया नया दोस्त… AIIMS की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

    नई दिल्ली: मेनोपॉज के बाद महिलाओं में तेजी से बढ़ने वाले ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज को लेकर नई उम्मीद जगी है। ताजा रिसर्च में पहली बार यह सामने आया है कि एक सामान्य सा प्रोबायोटिक बैक्टीरिया Lactobacillus acidophilus आंतों की इम्यून कोशिकाओं को संतुलित कर हड्डियों के गलने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। यानी


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
    Views
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    नई दिल्ली: मेनोपॉज के बाद महिलाओं में तेजी से बढ़ने वाले ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज को लेकर नई उम्मीद जगी है। ताजा रिसर्च में पहली बार यह सामने आया है कि एक सामान्य सा प्रोबायोटिक बैक्टीरिया Lactobacillus acidophilus आंतों की इम्यून कोशिकाओं को संतुलित कर हड्डियों के गलने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। यानी एक प्रोबायोटिक बैक्टीरिया ने हड्डियों की बीमारी के इलाज में इम्यून सिस्टम के जरिए नया रास्ता खोल दिया है।

    एम्स के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने यह स्टडी की है, जो जर्नल ऑफ सेल्युलर फिजियोलॉजी में छपी है। रिसर्च को ANRF ने भी सपोर्ट किया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में हुई रिसर्च से यह साफ हुआ है कि ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) सिर्फ कैल्शियम की कमी की बीमारी नहीं बल्कि इसमें इम्यून सिस्टम की बड़ी भूमिका है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने हड्डियों और इम्यून कोशिकाओं के बीच जटिल रिश्तों को समझते हुए यह दिखाया है कि प्रोबायोटिक जैसे सुरक्षित इम्यूनोमॉड्यूलेटरी उपाय इस बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन में मददगार हो सकते हैं। अब तक ऑस्टियोपोरोसिस को मुख्य रूप से कैल्शियम, विटामिन डी और हॉर्मोनल बदलावों से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन इस अध्ययन ने खुलासा किया है कि मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन की कमी से इम्यून सिस्टम बिगड़ता है, और यही गड़बड़ी हड्डियों के कमजोर होने की बड़ी वजह बनती है।

    क्या नया सामने आया?

    डॉक्टर रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पोस्टमेनोपॉजल जैसी स्थिति में शरीर की रेगुलेटरी टी-सेल्स (Tregs) का संतुलन बिगड़ जाता है। खासकर आंतों में बनने वाली pTregs दो हिस्सों में बंट जाती हैं, जिससे Th17 नाम की सूजन बढ़ाने वाली कोशिकाएं बढ़ जाती हैं। ये कोशिकाएं सीधे तौर पर हड्डियों को घुलाने वाली प्रक्रिया को तेज करती हैं। सबसे बड़ी खबर यह है कि प्रोबायोटिक Lactobacillus acidophilus देने से यह बिगड़ा हुआ इम्यून संतुलन फिर से ठीक हो गया। यह प्रोबायोटिक आंतों में ब्यूटिरेट बनाता है, जो ऐसी इम्यून कोशिकाओं को सक्रिय करता है जो हड्डियों को नुकसान से बचाती हैं।

    हड्डियों के टूटने पर ब्रेक

    स्टडी में यह भी देखा गया कि ब्यूटिरेट के प्रभाव में आई इम्यून कोशिकाएं ऑस्टियोक्लास्ट्स (हड्डी तोड़ने वाली कोशिकाएं) को सक्रिय करने में कम सक्षम रहीं। यानी प्रोबायोटिक परोक्ष रूप से हड्डियों के टूटने की रफ्तार कम कर सकता है।

    क्यों है यह अहम

    • इसमें पहली बार दिखाया गया कि ऑस्टियोपोरोसिस में गट-इम्यून सिस्टम निर्णायक भूमिका निभाता है।
    • इलाज की दिशा दवाओं से आगे बढ़कर प्रोबायोटिक जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर जाती दिख रही है।
    • भविष्य में मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए डाइट-आधारित या प्रोबायोटिक थेरपी संभव हो सकती है।
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हर महीने  ₹199 का सहयोग देकर आज़ाद हिन्द न्यूज़ को जीवंत रखें। जब हम आज़ाद हैं, तो हमारी आवाज़ भी मुक्त और बुलंद रहती है। साथी बनें और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा दें। सदस्यता के लिए “Support Us” बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।