UBS ने 220 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि मीशो का बिजनेस मॉडल बहुत हल्का है और इसमें वर्किंग कैपिटल की जरूरत कम पड़ती है। यह लगातार पॉजिटिव कैश फ्लो जेनरेट करता है और कई दूसरी इंटरनेट कंपनियों से अलग है। अनुमान है कि FY25 से FY30 के बीच नेट मर्चेंडाइज वैल्यू (NMV) में 30% की जोरदार सालाना ग्रोथ (CAGR) देखने को मिलेगी। FY30 तक, कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन और एडजस्टेड EBITDA मार्जिन (NMV के प्रतिशत के रूप में) बढ़कर क्रमशः 6.8% और 3.2% हो जाएंगे।
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लिस्टिंग के बाद तेजी
UBS को उम्मीद है कि NMV की ग्रोथ सालाना ट्रांजैक्ट करने वाले यूजर्स की संख्या में भारी बढ़ोतरी से आएगी। यह संख्या 199 मिलियन से बढ़कर 518 मिलियन हो जाएगी। साथ ही, सालाना ऑर्डर करने की फ्रीक्वेंसी 9.2 से बढ़कर 14.7 हो जाएगी। हालांकि, एवरेज ऑर्डर वैल्यू 274 रुपये से घटकर 233 रुपये रह सकती है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि कंपनी लॉजिस्टिक्स की बचत का फायदा पूरे इकोसिस्टम को देगी।
मीशो ने 10 दिसंबर को शेयर बाजार में डेब्यू किया था। यह अपने इश्यू प्राइस से प्रीमियम पर लिस्ट हुआ था और पहले दिन 111 रुपये के IPO प्राइस से 53% ऊपर बंद हुआ था। दो दिन की गिरावट के बाद सोमवार को स्टॉक में 3% से ज्यादा की तेजी आई। मंगलवार को भी यह तेजी जारी रही, जबकि बाकी बाजार दबाव में था।
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अरबपति बने को-फाउंडर
मीशो का इश्यू कुल मिलाकर 79 गुना सब्सक्राइब हुआ था। मीशो के शेयरों में तेजी के साथ कंपनी के को-फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर विदित अत्रेय बिलिनेयर बन गए हैं। कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 11.1% (47.25 करोड़ शेयर) है। आज की वैल्यू के हिसाब से उनकी हिस्सेदारी की वैल्यू 9,142.87 करोड़ रुपये (लगभग 1.005 बिलियन डॉलर) है।













