कुलदीप सेंगर के मामले को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ जहां एक ओर जंतर-मंतर पर कई लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं अब दूसरी ओर सेंगर का समर्थन करने वाले पुरुष आयोग के लोग भी हाथों में तख्तियां लेकर पूर्व विधायक का सपोर्ट में उतरें। इस दौरान दोनों गुटों में काफी देर तक झड़प भी होती रही।
पीड़िता के लिए मनोबल गिराने वाला…: योगिता भयाना
मामले पर महिला कार्यकर्ता योगिता भयाना ने बताया, ‘सिर्फ एक महिला सामने आई है। मुझे लगता है कि वह मानसिक रूप से ठीक नहीं है। उसे दवा की जरूरत है। वह पहली और आखिरी महिला होगी जो कुलदीप सिंह सेंगर का समर्थन कर रही हैं। हम बिना सबूत के बात नहीं कर रहे हैं। वह एक दोषी रेपिस्ट है। उसे पहले ही सजा मिल चुकी है। हम उसे मिली जमानत के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। सोचिए यह पीड़िता के लिए कितना मनोबल गिराने वाला होगा।’
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘मैं कुलदीप सेंगर का समर्थन करती हूं’—एक तख्ती और उसे थामे एक महिला,अब देखने को बचा ही क्या है ?’
फैसला खारिज करने की मांग
योगिता भयाना ने 2017 उन्नाव रेप केस पर कहा, ‘हम चाहते हैं कि कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में जो सुनवाई हुई है उसे खारिज किया जाए। ये बच्ची यहां आना चाहती थी इसलिए हम उसके समर्थन में यहां आए हैं। इस बच्ची की कानूनी लड़ाई अच्छे से लड़ी नहीं गई है।’
आरजेडी ने बीजेपी पर लगाया आरोप
वहीं आरजेडी की राष्ट्रीय प्रवक्ता कंचना यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, बीजेपी का चरित्र बलात्कारियों को बचाने वाला है। बलात्कारी कुलदीप सिंह सेंगर के समर्थन में बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने लिखा है, ” I support Kuldeep Singh Senger “
आरजेडी प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा- उम्मीद है कि इस देश की जनता यह देख भी रही होगी और समझ भी रही होगी। ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ का नारा सुनकर जिन्होंने बीजेपी का समर्थन किया होगा, खासकर उन्हें यह सोचना चाहिए कि बेटियों को किससे बचाना है।
कल सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
कुलदीप सेंगर की सजा निलंबित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर भारत के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और एवं ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन सदस्यीय अवकाशकालीन पीठ इस 29 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई करेगी।
क्या है मामला?
दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर की उम्रकैद की सजा 23 दिसंबर को निलंबित कर दी थी। अदालत ने कहा कि वह पहले ही सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है। हाई कोर्ट ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील लंबित रहने तक सेंगर की सजा पर रोक लगाई। सेंगर ने दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि, वह जेल में ही रहेगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है।















