• International
  • रिंग ऑफ फायर, चंद्रग्रहण, सुपरमून: साल 2026 में शानदार खगोलीय नजारों का होगा दीदार, देखें लिस्ट

    वॉशिंगटन: पूरी दुनिया साल 2026 के स्वागत के लिए तैयार है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग समय पर लोग नए साल का स्वागत करेंगे। वहीं, दुनियाभर के खगोलविदों के लिए आने वाला साल कुछ खास होगा, जो कई दुर्लभ खगोलीय घटनाओं का दीदार कराने वाला है। साल की शुरुआत सुपरमून से होगी तो दूसरे महीने में


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 31, 2025
    Views
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    वॉशिंगटन: पूरी दुनिया साल 2026 के स्वागत के लिए तैयार है। अलग-अलग देशों में अलग-अलग समय पर लोग नए साल का स्वागत करेंगे। वहीं, दुनियाभर के खगोलविदों के लिए आने वाला साल कुछ खास होगा, जो कई दुर्लभ खगोलीय घटनाओं का दीदार कराने वाला है। साल की शुरुआत सुपरमून से होगी तो दूसरे महीने में सूर्य ग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर का दुर्लभ नजारा होगा। इसके साथ ही यह साल एस्ट्रोनॉट के लिए बहुत खास होने वाला है और 50 सालों में सबसे ज्यादा अंतरिक्षयात्रियों को अपनी ओर खींचेगा। साल के दूसरे हिस्से में एक पूर्ण सूर्यग्रहण को लेकर खगोल वैज्ञानिकों में उत्सुकता बनी हुई है। आइए साल के महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाक्रम पर नजर डालते हैं।

    सूर्य ग्रहण और रिंग ऑफ फायर

    साल 2026 में 17 फरवरी को एक वलयाकार सूर्यग्रहण होने जा रहा है। इस दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आने से सूरज एक चमकीली अंगूठी के रूप में दिखाई देता है। इसे रिंग ऑफ फायर के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, इसे अंटार्कटिका में कुछ रिसर्च स्टेशन से ही अच्छी तरह देखा जा सकेगा।

    12 अगस्त को एक पूर्ण सूर्यग्रहण होने जा रहा है, जो आर्कटिक में शुरू होगा और ग्रीनलैंड, आइसलैंड और स्पेन से होकर गुजरेगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य को ढक लेगा जिससे 2 मिनट 18 सेकंड तक आसमान में अंधेरा छा जाएगा।

    चंद्र ग्रहण और ब्लडमून

    साल का पहला चंद्रग्रहण रिंग ऑफ फायर सूर्यग्रहण के दो सप्ताह बाद 3 मार्च को होने जा रहा है। यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसे ब्लड मून कहा जा रहा है। इस दौरान चंद्रमा की सतह 58 मिनट तक लाल रंग की चमकेगी। इससे पश्चिमी उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र से सबसे अच्छे से देखा जा सकेगा।

    साल का आखिरी ग्रहण एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा। 28 अगस्त को चंद्रमा की सतह का 96% हिस्सा लाल हो जाएगा, लेकिन पूरी तरह से ग्रहण नहीं लेगा। इस दौरान पृथ्वी की छाया के किनारे को चंद्रमा की सतह को पार करते हुए देखना शानदार अनुभव होगा।

    सुपरमून

    साल 2026 में तीन सुपरमून अपनी अद्भुत चमक से आसमान को रोशन करेंगे। यह तब होता है जब पूर्णिमा का चांद अपनी कक्षा में घूमते हुए पृथ्वी के ज्यादा करीब आ जाता है। इन सुपरमून के खास नजारे को देखने के लिए किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती। इन्हें आप अपनी आंखों से ही देख सकते हैं। साल पहला सुपरमून जनवरी में उल्कापिंडों की बारिश के साथ होगा। दूसरा सुपरमून 24 नवम्बर को होगा, जबकि साल का आखिरी और सबसे करीबी सुपरमून 23 और 24 दिसम्बर की रात में होगा। उम्मीद है कि 2026 में सूरज में ज्यादा विस्फोट होंगे जिससे धरती पर जियोमैग्नेटिक तूफान आ सकते हैं, जिससे शानदार ऑरोरा दिखाई देगा।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हर महीने  ₹199 का सहयोग देकर आज़ाद हिन्द न्यूज़ को जीवंत रखें। जब हम आज़ाद हैं, तो हमारी आवाज़ भी मुक्त और बुलंद रहती है। साथी बनें और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा दें। सदस्यता के लिए “Support Us” बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।