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  • रूस ने कभी भी भारत से दोस्‍ती… व्‍लादिमीर पुतिन की यात्रा के बाद रूसी राजदूत का बड़ा ऐलान, बताया बेहद महत्‍वपूर्ण पार्टनर

    मास्‍को/नई दिल्‍ली: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के बाद नई दिल्‍ली में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने दोनों देशों के बीच दोस्‍ती पर बड़ा बयान दिया है। अलीपोव ने कहा है कि रूस ने कभी भी किसी और देश की कीमत पर भारत के साथ संबंध विकसित नहीं किए। अलीपोव ने कहा


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
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    मास्‍को/नई दिल्‍ली: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के बाद नई दिल्‍ली में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने दोनों देशों के बीच दोस्‍ती पर बड़ा बयान दिया है। अलीपोव ने कहा है कि रूस ने कभी भी किसी और देश की कीमत पर भारत के साथ संबंध विकसित नहीं किए। अलीपोव ने कहा कि राष्‍ट्रपति पुतिन की यात्रा दोनों देशों के रिश्‍ते में मील का पत्‍थर है। इस दौरान कई नए समझौतों पर हस्‍ताक्षर किया गया जो अर्थव्‍यवस्‍था, तकनीक और संस्‍कृति से जुड़े हैं। अलीपोव ने भारत को बेहद महत्‍वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक पार्टनर करार दिया।

    अलीपोव ने रूसी मीडिया Soloviev Live के साथ बातचीत में कहा, ‘भारत तेजी से स्‍पेस, तकनीक और एआई के क्षेत्र में विकास कर रहा है। भारत क्‍वांटम तकनीक के क्षेत्र में भी बहुत उल्‍लेखनीय व‍िकास कर रहा है।’ उन्‍होंने कहा कि रूस इन सभी क्षेत्रों में स्‍पष्‍ट रूप से भारत का पूरक हो सकता है। अलीपोव ने कहा, ‘भारत रूस का बहुत ही महत्‍वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक पार्टनर है।’ रूसी राजदूत ने माना कि रूस भारत को बहुध्रुव‍ीय विश्‍व व्‍यवस्‍था के कई ध्रुवों में से एक महत्‍वपूर्ण ध्रुव के रूप में देख रहा है। साथ ही रूस भारत को अपना रणनीतिक पार्टनर मानता है।

    भारत और रूस का सहयोग किसी के खिलाफ नहीं: पुतिन

    इससे पहले पुतिन ने दिल्‍ली यात्रा के दौरान कहा था कि भारत और रूस का सहयोग किसी भी देश के खिलाफ नहीं है और इसका उद्देश्य सिर्फ दोनों देशों द्वारा अपने-अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है। पुतिन ने यह टिप्पणी भारत और रूस के प्रति अमेरिका के आक्रामक रुख की पृष्ठभूमि में की थी। रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों के संदर्भ में पुतिन ने कहा कि कुछ ‘‘तत्व’’ रूस के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की बढ़ती भूमिका को नापसंद करते हैं और ये तत्व राजनीतिक कारणों से भारत के प्रभाव को सीमित करने के लिए ‘कृत्रिम बाधाएं’ खड़ी करने का प्रयास कर रहे हैं।

    रूसी राष्ट्रपति ने एक साक्षात्कार में रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए कहा था कि उनके देश का भारत के साथ ऊर्जा सहयोग काफी हद तक ‘अप्रभावित’ है। रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका के आक्रामक रुख पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘कुछ बाहरी दबावों के बावजूद, न तो मैंने और न ही प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी, किसी के खिलाफ काम करने के लिए हमारी साझेदारी का इस्तेमाल नहीं किया।’ उन्होंने कहा था, ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अपना एजेंडा है, अपने लक्ष्य हैं, जबकि हमारा ध्यान अपने ऊपर है – किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि हमारा लक्ष्य अपने-अपने हितों, भारत और रूस के हितों की रक्षा करना है।’ पुतिन ने यह भी कहा था कि भारत के साथ अब वैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता, जैसा कई दशक पहले किया जाता था। पुतिन ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री मोदी आसानी से दबाव में आने वाले व्यक्ति नहीं हैं। भारतीय लोग निश्चित रूप से अपने नेता पर गर्व कर सकते हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है।’

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