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  • विनोद खन्ना की दूसरी पत्नी कभी नहीं बनीं उनके बेटों की मां, कविता ने कहा- एक बीवी पीड़ित और दूसरी क्रूर होती है

    दिवंगत सुपरस्टार विनोद खन्ना ने 1971 में गीतांजलि खन्ना से शादी की थी और उनके दो बेटे राहुल और अक्षय खन्ना हुए, दोनों ही बॉलीवुड एक्टर बने। हालांकि, विनोद खन्ना के आध्यात्मिक गुरु ओशो के साथ गहरे जुड़ाव के कारण 1985 में उनका तलाक हो गया। विनोद ने बाद में 1990 में कविता खन्ना से


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 19, 2025
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    दिवंगत सुपरस्टार विनोद खन्ना ने 1971 में गीतांजलि खन्ना से शादी की थी और उनके दो बेटे राहुल और अक्षय खन्ना हुए, दोनों ही बॉलीवुड एक्टर बने। हालांकि, विनोद खन्ना के आध्यात्मिक गुरु ओशो के साथ गहरे जुड़ाव के कारण 1985 में उनका तलाक हो गया। विनोद ने बाद में 1990 में कविता खन्ना से शादी की और उनसे उनके बच्चे साक्षी और श्रद्धा खन्ना हुए। हाल ही में एक इंटरव्यू में, कविता ने विनोद की पहली शादी से हुए बेटों के साथ अपने रिश्ते के बारे में खुलकर बात की और बताया कि उन्होंने कभी भी उनकी मां बनने की कोशिश नहीं की।

    लवीना टंडन के साथ बातचीत के दौरान, कविता ने राहुल और अक्षय खन्ना के साथ अपने रिश्ते के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘वे मेरे थे क्योंकि वे विनोद के बच्चे थे। उन्हें मेरा होना ही था, लेकिन वे मेरे नहीं थे। मैंने उनके लिए मां बनने की कोशिश नहीं की क्योंकि उन्हें सबसे अच्छी मां मिली थी।’

    विनोद खन्ना की पहली पत्नी और दूसरी पत्नी का रिश्ता

    विनोद खन्ना की पहली पत्नी गीतांजलि खन्ना के साथ अपने रिश्ते के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया, ‘हमारा रिश्ता बहुत सही था। हमारे बीच किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं था। हम दोनों के बीच बहुत सम्मान था और सीमाएं भी तय थीं। हमें ऐसी काल्पनिक कहानियों से प्रभावित नहीं होना चाहिए जिनमें एक पीड़ित होता है और दूसरा क्रूर। ये सब सिर्फ काल्पनिक कहानियां हैं। जीवन में, जब आप एक समझदार होते हैं, तो आप समझदारी से व्यवहार करते हैं। हम जो भी डिसीजन लेते हैं, उन पर कायम रहते हैं और जीवन आगे बढ़ता रहता है।’

    अक्षय खन्ना ने पिता के बारे में बात की

    मिड-डे को दिए एक पुराने इंटरव्यू में अक्षय खन्ना ने अपने पिता विनोद खन्ना के परिवार को छोड़कर जाने के बारे में बात की थी। उन्होंने बताया, ‘न सिर्फ परिवार को छोड़ना, बल्कि संन्यास लेना। संन्यास का अर्थ है अपने जीवन को पूरी तरह से त्याग देना – परिवार भी इसका एक हिस्सा है। यह एक जीवन बदलने वाला निर्णय था, जिसे उन्होंने उस समय लेना जरूरी समझा। पांच साल के बच्चे के रूप में इसे समझना असंभव था।’

    विनोद खन्ना के अंदर कुछ चल रहा था!

    एक्टर ने आगे कहा, ‘उनके अंदर कुछ ऐसा जरूर रहा होगा जिसने उन्हें इतना झकझोर दिया होगा कि उन्हें लगा कि इस तरह का डिसीजन उनके लिए सही था। खासकर जब आपके पास जीवन में सब कुछ हो। ऐसा डिसीजन लेने के लिए भीतर एक बहुत बड़ा बदलाव आना जरूरी है। और साथ ही उस पर अडिग रहना भी जरूरी है।’

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