Gold Price 2025: पीक से नीचे आई सोने की कीमत, क्रिसमस से पहले क्या फिर होगा उलटफेर? जानें एक्सपर्ट की राय
सोने में तेजी के ये भी कारण
अमेरिकी डॉलर पिछले कई सालों में सबसे तेज रफ्तार से गिर रहा है, जिससे दुनिया भर में धातुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। केंद्रीय बैंक डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए तेजी से सोना खरीद रहे हैं। खनन में निवेश की कमी, सप्लाई में रुकावटें और टैरिफ ने बाजार को कस दिया है, ठीक उसी समय जब मांग बढ़ रही है। इन सब वजहों से सोने में तेजी आ रही है।
साल 2026 में सोने में तेजी या गिरावट?
अब सवाल है कि क्या सोने में साल 2026 में भी तेजी रहेगी? सोने की कीमत काफी हद तक अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व की ब्याज दरों पर भी निर्भर रहती है। जब फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है तो सोने की कीमत में तेजी देखी जाती है। फेड रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की थी, जिसके बाद सोने की कीमत और बढ़ गई।
साल 2026 में भी फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि अगर बाजार अच्छा चल रहा है, तो वे चाहते हैं कि फेड का अगला चेयरमैन ब्याज दरों को कम करे। बाजार के जानकारों का मानना है कि अगले साल यानी 2026 में फेड रिजर्व दो बार ब्याज दरें कम कर सकता है। ऐसा होने पर सोने की कीमत में और तेजी आएगी।
क्या है एक्सपर्ट की राय?
सिटी इंडेक्स के बाजार विश्लेषक फवाद रजाकजादा ने बताया कि सोने की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारण हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी चीज नहीं है जो सोने की कीमतों को नीचे ले जाए। यानी इसमें तेजी आ सकती है।
सोसाइटी जेनरल के विश्लेषकों ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अगर सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आती है, तो इसकी मुख्य वजह यह होगी कि केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी कम कर दें। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो निवेशकों की स्थिति देखकर लगता है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी। इन विश्लेषकों का अनुमान है कि 2026 के अंत तक सोना 5000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है।













