शेयरधारकों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस IPO से कितनी वैल्यू बढ़ेगी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में इसका कितना फायदा पहुंचेगा। पिछले साल शेयर में आई तेजी के पीछे टेलीकॉम और रिटेल में कंपनी का लगातार अच्छा प्रदर्शन, रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार और इस बात का बढ़ता भरोसा है कि ग्रुप भारी निवेश के दौर से निकलकर अब ज्यादा कैश कमाने वाले चक्र में प्रवेश कर रहा है।
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निवेशकों का भरोसा
कंपनी का तिमाही मुनाफा करीब 18,000-20,000 करोड़ रुपये के आसपास बना हुआ है। यह मुनाफा रिफाइनिंग के स्थिर कारोबार और रिटेल तथा डिजिटल सेवाओं में लगातार हो रही ग्रोथ से मिल रहा है। रघुनाथ कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरव चौधरी ने कहा, “रिलायंस अगले वित्त वर्ष में मजबूत स्थिति में प्रवेश कर रही है। विश्लेषक कंपनी की कमाई में बढ़ोतरी, डिजिटल इकोसिस्टम के विस्तार और बहुप्रतीक्षित जियो IPO को लेकर उत्साहित हैं।” कंपनी के डाइवर्सिफाई बिजनेस मॉडल ने कमाई में उतार-चढ़ाव को कम किया है और निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
2026 तक टेलीकॉम और रिटेल मिलकर ऑपरेटिंग कैश फ्लो का लगभग 60% हिस्सा देंगे। यह एक बड़ा बदलाव है, जिससे रिलायंस की ऑयल-टु-केमिकल जैसे उतार-चढ़ाव वाले बिजनेस पर निर्भरता कम हो जाएगी। इस बदलाव को ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों ने भी नोटिस किया है। दिसंबर 2025 में, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने रिलायंस की क्रेडिट रेटिंग को BBB+ से A- तक बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि कंपनी की कमाई अब ज्यादा अनुमानित है और कैश फ्लो मजबूत हुआ है।
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जियो का IPO
रिलायंस जियो की लिस्टिंग को पिछले एक दशक में ग्रुप के लिए सबसे बड़ा वैल्यू-अनलॉक इवेंट माना जा रहा है। जियो के 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं, पूरे देश में 5G कवरेज है और इसका डिजिटल इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है। इसमें ब्रॉडबैंड, एंटरप्राइज सेवाएं, क्लाउड और प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इस IPO से वैल्यूएशन और हिस्सेदारी के आधार पर करीब 6 अरब डॉलर जुटाए जा सकते हैं। विश्लेषकों का अनुमान है कि जियो का वैल्यूएशन 120-150 अरब डॉलर के बीच हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह लिस्टिंग के दिन ही भारत की पांच सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक बन जाएगी।
मुकेश अंबानी ने पहले ही संकेत दिया है कि कंपनी अपनी बहुत छोटी हिस्सेदारी ही बेचेगी ताकि रणनीतिक और प्रबंधन नियंत्रण बना रहे। हाल की तिमाहियों में जियो प्लेटफॉर्म्स ने ग्राहकों की संख्या बढ़ने और डेटा के ज्यादा इस्तेमाल से डबल-डिजिट रेवेन्यू और EBITDA ग्रोथ दर्ज की है। निवेशकों के लिए जियो का IPO एक मजबूत सेंटीमेंट ट्रिगर के रूप में काम कर सकता है। हालांकि, विश्लेषक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं कि इसमें तेजी से बड़े लाभ की उम्मीद कम है।












