सीएनएन न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफरीदी ने कहा कि वह जेल से इमरान खान का संदेश ला रहे हैं… ‘आजादी या मौत’। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तानी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने और जेल में बंद क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को असीम मुनीर के चुंगल से वापस लाने की कसम खाई है।
खैबर पख्तूनख्वा से इमरान के लिए जंग?
आपको बता दें कि खैबर पख्तूनख्वा में इमरान खान का इतना मजबूत जनाधार है कि असीम मुनीर की लाख कोशिशों के बाद भी इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने जीत हासिल की थी। इमरान खान के उम्मीदवारों को इतने ज्यादा वोट मिलते हैं कि यहां सरकार और सेना चाहकर भी उन्हें हरा नहीं पा रही है। जबकि खैबर पख्तूनख्वा लगातार आतंकवाद से जूझता रहता है। माना जाता है कि खैबर पख्तूनख्वा में तहरीक-ए-तालिबान को लेकर इमरान खान का नरम रवैया उनके समर्थन को लोहे की तरह मजबूत करता है।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान करते हुए कहा कि उन्होंने कहा, “कुछ लोग हमारे मन में डर फैला रहे हैं कि वे हम पर गोलियां चलाएंगे, लेकिन मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि हम इमरान खान के लड़ाके हैं। वे हमें रोक नहीं सकते। हम इमरान खान की नीतियों का पालन करेंगे और खैबर पख्तूनख्वा में सिर्फ इमरान खान का ही राज चलेगा।” दूसरी तरफ इमरान खान की जेल में स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों और ग्लोबल वॉचडॉग्स ने दावा किया है कि इमरान खान को एकांत कारावास में रखा गया है, जो मानसिक यातना के दायरे में आता है।
संयुक्त राष्ट्र की स्पेशल दूत ऐलिस जिल एडवर्ड्स ने पाकिस्तान सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और “अमानवीय और अपमानजनक” हिरासत हालात खत्म करने की मांग की है। इस बीच, इमरान खान की पूर्व पत्नी जेमिमा खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरोप लगाया कि पाकिस्तान सरकार उनके पोस्ट्स की पहुंच सीमित कर रही है ताकि इमरान खान की स्थिति दुनिया के सामने न आ सके।















