• International
  • सिडनी हमले के बीच ‘आतंकिस्‍तान’ बने पाकिस्तान के खिलाफ UN में एक साथ आए भारत-अमेरिका, किसपर की प्रतिबंध लगाने की मांग?

    वॉशिंगटन: पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ मिलकर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अमेरिका और भारत ने मिलकर यूनाइटेड नेशंस से अपील की है कि UN सिक्योरिटी काउंसिल 1267 सिस्टम के तहत, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ग्रुप और अल कायदा के सहयोगियों, लश्कर-ए-तैयबा (LeT),


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
    Views
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    वॉशिंगटन: पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ मिलकर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अमेरिका और भारत ने मिलकर यूनाइटेड नेशंस से अपील की है कि UN सिक्योरिटी काउंसिल 1267 सिस्टम के तहत, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ग्रुप और अल कायदा के सहयोगियों, लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और उनके प्रॉक्सी नेटवर्क पर नए प्रतिबंध लगाए जाएं। LeT और JeM दोनों को पाकिस्तान ने 2002 में बैन संगठन घोषित कर दिया था, लेकिन ये दोनों संगठन अभी भी पाकिस्तान से चल रहे हैं और भारत के खिलाफ आतंकी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं।

    अमेरिका और भारत की तरफ से प्रस्तावित प्रतिबंध में ग्लोबल संपत्ति फ्रीज, यात्रा प्रतिबंध और हथियारों पर रोक, अमेरिका-भारत के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करने का संकेत देते हैं। फिर भी, हैरानी की बात है कि संयुक्त बयान में पाकिस्तान का जिक्र नहीं है। संयुक्त बयान में अमेरिका और भारत के प्रतिनिधियों, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की मोनिका जैकब्सन और भारत के संयुक्त सचिव विनोद बहादे ने प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, न्यायिक सहयोग, कानूनी सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर जोर दिया। दोनों देशों ने पहलगाम और दिल्ली के लाल किले पर हुए हालिया आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की और दोषियों को जवाबदेह ठहराने की बात कही।

    पाकिस्तान के खिलाफ भारत-अमेरिका एक साथ आए
    माना जा रहा है कि ज्वाइंट स्टेटमेंट में पाकिस्तान का नाम शामिल नहीं करने के पीछे अमेरिका की दक्षिण एशिया में रणनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश है। वाशिंगटन स्थित जियो-पॉलिटिकल एक्सपर्ट शुजा नवाज ने डॉन से कहा है कि “अमेरिका ने शायद पाकिस्तान का नाम लेने से परहेज किया है। उसने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक पार्टनर के रूप में नामित किया है। मुझे आश्चर्य है कि यह दोहरी नीति कब तक चलेगी।” वहीं, भारत और अमेरिकी अधिकारियों ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को अमेरिकी पदनाम का भी स्वागत किया, जिसे भारत पहलगाम हमले के पीछे मानता है, जिसे एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) दोनों के रूप में नामित किया गया है।

    डॉन में कहा गया है कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान बीच रणनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश करता दिख रहा है। 8 दिसंबर के फॉरेन पॉलिसी के एक लेख में “ट्रंप का पाकिस्तान की तरफ झुकाव” शीर्षक दिया गया था। जिसमें कहा गया है कि 2025 के मध्य से अमेरिका-पाकिस्तान के संबंध में गर्माहट नाटकीर रही है। हालांकि डॉन में इस बात को लेकर आशंका जताई गई है कि ट्रंप प्रशासन कब तक पाकिस्तान को लेकर रणनीतिक संतुलन कायम रख पाता है, क्योंकि आने वाले महीनों में भारत और अमेरिका के बीच कई अहम बैठकें होने की उम्मीद है। ट्रेड डील जल्द फाइनल होने की संभावना बढ़ गई है और भारत–अमेरिका संयुक्त कार्य समूह (JWGCT) की अगली बैठक यह परखेगी कि यह संतुलन कितनी देर तक कायम रह सकता है।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हर महीने  ₹199 का सहयोग देकर आज़ाद हिन्द न्यूज़ को जीवंत रखें। जब हम आज़ाद हैं, तो हमारी आवाज़ भी मुक्त और बुलंद रहती है। साथी बनें और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा दें। सदस्यता के लिए “Support Us” बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।