भारतीय गेंदबाजी आक्रमण ने मैच पर दबदबा बनाया। हर गेंदबाज ने कम से कम एक विकेट लिया, जिससे मेहमान टीम 20 ओवर में सिर्फ 117 रन ही बना पाई। अभिषेक और टॉप-ऑर्डर के बल्लेबाजों ने 118 रन का लक्ष्य आसान बना दिया और भारत ने आसानी से जीत हासिल कर ली।
रॉबिन उथप्पा ने दिया बड़ा बयान
जियोस्टार पर बात करते हुए रॉबिन उथप्पा ने अभिषेक शर्मा के टॉप ऑर्डर में आत्मविश्वास का विश्लेषण करते हुए कहा, ‘सीरीज से पहले भी, वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहे थे और टीमों को हरा रहे थे। इसलिए आपको पता था कि वह अच्छी फॉर्म में हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह वहां कुछ समय बिताने की बात है और मुझे लगता है कि लुंगी एनगिडी की पहली गेंद ने उनके लिए सब कुछ सेट कर दिया। वहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे समझ गए थे कि वे उन्हें मिडिल और लेग स्टंप पर टाइट लेंथ से रोक रहे थे, लेकिन अगर एनगिडी ने थोड़ी सी भी गलती की तो वह उन्हें सजा देने के लिए तैयार थे।’
उथप्पा ने अभिषेक की छक्के मारने की क्षमता की भी तारीफ की, उन्हें एक ‘शक्तिशाली और गतिशील’ बल्लेबाज बताया। उन्होंने ओपनर की तुलना श्रीलंकाई दिग्गज जयसूर्या से की। उन्होंने कहा कि इस तरह की बल्लेबाजी विपक्षी गेंदबाजों को डराती है और केवल असाधारण फॉर्म वाला खिलाड़ी ही ऐसी शानदार पारी खेल सकता है।
मुझे वह सनथ जयसूर्या की याद दिलाते हैं…
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने टी20 क्रिकेट में पहले ही 300 से ज्यादा छक्के लगाए हैं, जो बताता है कि वह कितने शक्तिशाली और तेज बल्लेबाज हैं। असल में, वह मुझे सनथ जयसूर्या की याद दिलाते हैं – एक ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर पूरी तरह से दबदबा। यह गेंदबाजों में डर और खौफ पैदा करता है, ऐसा कुछ जो आप तभी देखते हैं जब खिलाड़ी शानदार फॉर्म में होते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘उनका यह साल बहुत अच्छा रहा है। टीमें उनके लिए प्लान बना रही हैं, ऐसे एरिया में गेंदबाजी करने की कोशिश कर रही हैं जहां वह स्कोर नहीं करते, लेकिन उनके पास समाधान है। यह प्रोएक्टिव सोच काफी अद्भुत है।’
सूर्यकुमार यादव को भी सराहा
उथप्पा ने कप्तान सूर्यकुमार यादव की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों का उनका रोटेशन और बदलाव अच्छी तरह से किया गया था और यह ‘समझदारी भरी कप्तानी’ को दिखाता है।
उन्होंने कहा, ‘दोनों तेज गेंदबाजों के स्पेल को बढ़ाना सूर्यकुमार यादव की स्मार्ट कप्तानी थी। उन्होंने शिवम दुबे और हार्दिक पांड्या पर भरोसा किया कि जरूरत पड़ने पर वे बाद में काम पूरा करेंगे। जिस तरह से उन्होंने गेंदबाजों को रोटेट किया और बदला, वह बहुत अच्छी तरह से किया गया था; निश्चित रूप से यह काफी समझदारी भरी कप्तानी थी।’














