सोमवार को दिल्ली के जाफराबाद में रहने वाले मोहम्मद फजील और उसका भाई नदीम अपनी मां के साथ डिनर के लिए गए थे। आधी रात के बाद वापस लौटते वक्त 3 अज्ञात लोगों ने उन दोनों को घेर लिया। इससे पहले उन्हें कुछ समझ में आता उनके शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। पुलिस के मुताबिक हत्यारों ने 1-2 नहीं बल्कि पूरे 48 राउंड फायरिंग की। इनमें से 35 गोलियों ने फजील और नदीम के शरीर में धंस गईं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
खुद ही पिस्टल बनाने में उस्ताद हो गया था नदीम
नदीम यूं तो दिव्यांग था, लेकिन पिस्टल बनाने में माहिर हो चुका था। बिश्नोई गैंग को हथियार सप्लाई करने वाला तस्कर शेख सलीम उर्फ सलीम पिस्टल पाकिस्तान से जिगाना समेत कई तरह की पिस्टल मंगवाता था। अगर किसी हथियार में कोई दिक्कत आती तो उसे रिपेयरिंग के लिए नदीम के पास लाया जाता। नदीम देखते ही देखते खुद की पिस्टल बनाने में माहिर हो गया। उसने असद को स्कूटर चलाने के लिए रख लिया। बाद में दोनों में अनबन हुई तो असद हाशिम बाबा गैंग के लिए काम करने लगा और नदीम ने अपने सगे छोटे भाई फजील को इस काम के लिए रख लिया।
‘धंधा खराब’ करने पर हत्या
सूत्रों के मुताबिक सलीम जो पिस्टल 3-3.5 लाख रुपये में बेचता था, नदीम उसी पिस्टल को घर पर बनाकर 1 लाख में बेचने लगा था। नदीम को हिदायत भी मिली थी कि वो मार्केट खराब न करे। बाद में असद भी सलीम के साथ हो गया। उसने भी अपने भाई को धमकाया कि यह काम बंद करे नहीं तो अंजाम बुरा होगा।
समझौते की कोशिश हुई नाकाम
यह भी जानकारी मिली है कि असद और नदीम के बीच रिश्तेदारों ने समझौता भी कराने की कोशिश की थी। लेकिन असद मानने को तैयार नहीं था। देर रात जब नदीम अपने भाई के साथ वापस लौट रहा था तो अमन राइडर और आसिफ तोपे नाम के बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। ये दोनों से बातें करने लगे। इस बीच असद, दानिश मल्ली और साकिब समेत 4 शूटर आए और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस से मुखबिरी करने से भी नाराज था असद
यह भी पता चला है कि नदीम की मुखबिरी पर ही असद को एक मर्डर केस में जेल जाना पड़ा था। हालांकि बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया था और हर हाल में नदीम से बदला लेना चाहता था। कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कूदने वाला असद हाशिम बाबा गैंग के सदस्य बॉबी कबूतर के लिए काम करता था। बॉबी कबूतर मकोका के केस में फिलहाल फरार है।















