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  • ढाका में जुटे हजारों प्रदर्शनकारी और भारत विरोधी नारेबाजी, हादी की मौत को बनाया जा रहा बांग्‍लादेश में चुनाव टालने का हथियार?

    ढाका: बांग्लादेश में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन और हिंसा का दौर देखने को मिल रहा है। इंकलाब मंच के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद राजधानी ढाका समेत कई इलाकों में हजारों छात्र सड़कों पर हैं, इससे तनाव की स्थिति बनी हुई है। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 19, 2025
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    ढाका: बांग्लादेश में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन और हिंसा का दौर देखने को मिल रहा है। इंकलाब मंच के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद राजधानी ढाका समेत कई इलाकों में हजारों छात्र सड़कों पर हैं, इससे तनाव की स्थिति बनी हुई है। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। इन प्रदर्शनों में कट्टरपंथी गुटों की मौजूदगी और भारत विरोधी नारेबाजी ने ध्यान खींचा है। इस घटनाक्रम को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली मौजूदा अंतरिम सरकार की चुनाव आगे टालने की ‘साजिश’ की तरह भी देखा जा रहा है।

    न्यूज18 के मुताबिक, बांग्लादेश में चुनाव से पहले शुरू हुई अशांति की नई लहर पर कई सूत्रों का दावा है कि अस्थिरता का माहौल बनाने के लिए इस उथल-पुथल को ‘मैनेज’ किया जा रहा है। यह हिंसा ऐसे समय में हो रही है, जब मोहम्मद यूनुस सरकार की कानून-व्यवस्था बनाए रखने और विश्वसनीय चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।

    प्रदर्शनों के पीछे एक कहानी

    सूत्रों का कहना है कि बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का इस्तेमाल यह कहानी बनाने के लिए किया जा रहा है कि फिलहाल चुनाव कराना सुरक्षित नहीं होगा। इसे चुनाव टालने का मौका बनाने की कोशिश है। दूसरी ओर हिंसक घटनाओं और मौतों को कट्टरपंथी समूह बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को संगठित करने का हथियार बना रहे हैं।

    खुफिया और राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका, चट्टोग्राम, खुलना और राजशाही में प्रदर्शन शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन जल्द ही बड़े पैमाने पर हिंसा में बदल गए। भीड़ ने हाईवे जाम कर दिए। इस दौरान कई नेताओं के घरों और मीडिया संगठनों के दफ्तरों को भी निशाना बनाया गया।

    भारत विरोधी भावना

    सूत्रों के अनुसार, अशांति का एक महत्वपूर्ण पहलू भारत विरोधी भावना का तेजी से बढ़ना है। चट्टोग्राम में भारतीय उप उच्चायोग के आवास और कार्यालय पर पत्थरबाजी की खबरें आई हैं। ढाका में कट्टरपंथी समूहों ने भारतीय उच्चायोग की ओर मार्च करने की कोशिश की। इस दौरान बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश करते हुए भारत विरोधी नारे लगाए गए।

    माना जा रहा है कि पुतले जलाना, नारे लगाना और भारतीय राजनयिक संपत्तियों को निशाना बनाकर भारत को जनता के गुस्से का केंद्र बिंदु दिखाने की जानबूझकर की गई कोशिश का संकेत देते हैं। इस दौरान सरकार के रवैये पर भी सवाल उठा है। पुलिस कई इलाकों में निष्क्रिय रही और कई इलाकों में जबरदस्ती कार्रवाई की। इससे चुनिंदा कार्रवाई के आरोपों को बल मिला है।

    क्या है मकसद

    रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से चेतावनी दी गई है कि यह हिंसा गहरी राजनीतिक साजिश का नतीजा है। इसमें कट्टरपंथी और राजनीतिक लोग चुनाव से पहले के अस्थिर माहौल का फायदा उठाकर विरोधियों को कमजोर कर रहे हैं। साथ ही ये लोग बांग्लादेश की चुनाव की तैयारियों पर संदेह पैदा कर रहे हैं।

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