• International
  • सिंधु जल संधि पर फिर दिखी पाकिस्तान की खीज, डार ने दी युद्ध की गीदड़भभकी, चिनाब के बहाव पर भारत को चिट्ठी

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर सिंधु जल संधि के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश की गई है। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को कहा है कि भारत सिंधु जल संधि को कमजोर कर रहा है। इस तरह का उल्लंघन समझौते के मूल सिद्धांतों पर


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 19, 2025
    Views
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    इस्लामाबाद: पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर सिंधु जल संधि के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश की गई है। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को कहा है कि भारत सिंधु जल संधि को कमजोर कर रहा है। इस तरह का उल्लंघन समझौते के मूल सिद्धांतों पर प्रहार है। भारत ने इस साल अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि से हटने का ऐलान किया था। इसके बाद से लगातार पाकिस्तान की ओर से इस पर बयान आए हैं। यहां तक कि सिंधु तोड़ने पर युद्ध की गीदड़भभकी भी पाकिस्तान के नेता देते रहे हैं।

    इशाक डार ने कहा है कि भारत की ओर से सिंधु समझौते का उल्लंघन हो रहा है। हालांकि समझौते में साफतौर पर कहा गया है कि कोई एक पक्ष इससे हटने का फैसला नहीं ले सकता है। ऐसे में हम पानी के रोकने को युद्ध की कार्रवाई मानेंगे। डार ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की सरकार ने चिनाब नदी के प्रवाह में उतार-चढ़ाव पर चिंता जताते हुए पत्र लिखकर भारत से जवाब मांगा है।

    मूल सिद्धांतों को तोड़ रहा भारत

    इशाक डार ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा, ‘हमने इस वर्ष अप्रैल में भारत के सिंधु जल संधि से एकतरफा रूप से हटने की कार्रवाई देखी। अब हम भारत की ओर से सिंधु जल संधि के मूल सिद्धांतों पर हमले देख रहे हैं। भारत का रुख क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून की पवित्रता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

    पाकिस्तान ने चिनाब नदी के प्रवाह में उतार-चढ़ाव पर सफाई मांगते हुए भारत को पत्र लिखा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया है कि उनके सिंधु जल आयुक्त ने सिंधु जल समझौते में निहित प्रक्रियाओं के अनुसार इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगते हुए अपने भारतीय समकक्ष को पत्र लिखा है।

    पहलगाम हमले से बदले हालात

    भारत ने इस साल 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। इसमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी है। विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी का बंटवारा करती है।

    सिंधु जल संधि पर भारत के रुख ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ाई है। पाकिस्तान का कहना है कि सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है। यह क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए जरूरी है। अगर भारत इस समझौते को तोड़ता है तो पाकिस्तान इसे युद्ध का ऐलान मानेगा।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हर महीने  ₹199 का सहयोग देकर आज़ाद हिन्द न्यूज़ को जीवंत रखें। जब हम आज़ाद हैं, तो हमारी आवाज़ भी मुक्त और बुलंद रहती है। साथी बनें और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा दें। सदस्यता के लिए “Support Us” बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।