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  • पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मिला वर्ल्ड बैंक का सहारा, 700 मिलियन डॉलर की रकम मंजूर

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मुश्किल से निकालने के लिए वर्ल्ड बैंक एक बार फिर सामने आया है। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के लिए मल्टी-ईयर पहल के तहत 700 मिलियन डॉलर की फाइनेंसिंग को मंजूरी दी है। यह रकम पाकिस्तान की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता और सर्विस डिलीवरी को सपोर्ट करने के लिए है। इस रकम में


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 21, 2025
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    इस्लामाबाद: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मुश्किल से निकालने के लिए वर्ल्ड बैंक एक बार फिर सामने आया है। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के लिए मल्टी-ईयर पहल के तहत 700 मिलियन डॉलर की फाइनेंसिंग को मंजूरी दी है। यह रकम पाकिस्तान की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता और सर्विस डिलीवरी को सपोर्ट करने के लिए है। इस रकम में से 600 मिलियन डॉलर फेडरल प्रोग्राम के लिए और 100 मिलियन डॉलर सिंध में प्रांतीय प्रोग्राम के लिए होंगे।

    पाकिस्तान को यह मंजूरी अगस्त में पंजाब में प्राइमरी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए वर्ल्ड बैंक की ओर से दिए गए 47.9 मिलियन डॉलर के ग्रांट के बाद मिली है। 700 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता और सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक बहु-वर्षीय योजना के तहत दिया जाएगा।

    कैसे खर्च होगी रकम

    डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को यह राशि ‘पब्लिक रिसोर्सेज फॉर इंक्लूसिव डेवलपमेंट- मल्टीफेज प्रोग्रामेटिक अप्रोच’ (PRID-MPA) के तहत दी जाएगी, जिसके तहत कुल 1.35 बिलियन डॉलर तक की मदद मिल सकती है। यह मदद ऐसे समय में आई है, जब पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और बेहतर सेवाएं देने की सख्त जरूरत है।

    विश्व बैंक के अनुसार, यह फंड पाकिस्तान को अपनी घरेलू आय बढ़ाने और उसे पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल करने में मदद करेगा। इस योजना के तहत स्कूलों और क्लीनिकों के लिए मिलने वाले फंड को पक्का बनाया जाएगा। साथ ही टैक्स सिस्टम को निष्पक्ष बनाया जाएगा और निर्णय लेने के लिए बेहतर डेटा उपलब्ध होगा। इससे सरकारी कामों में लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा।

    मुश्किल में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था

    विश्व बैंक के पाकिस्तान के लिए कंट्री डायरेक्टर बोलरमा अमगाबाजार ने कहा है कि पाकिस्तान को समावेशी और टिकाऊ विकास के रास्ते पर चलने के लिए अधिक घरेलू संसाधन जुटाने होंगे। उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका इस्तेमाल कुशलतापूर्वक और पारदर्शी तरीके से लोगों के लिए परिणाम देने में हो।

    विश्व बैंक के लीड कंट्री इकोनॉमिस्ट फॉर पाकिस्तान टोबियास अख्तर हाक ने बताया कि पाकिस्तान की वित्तीय नींव को मजबूत करना मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता बहाल करने, परिणाम देने और संस्था मजबूत करने के लिए आवश्यक है। नवंबर में ही आईएमएफ-विश्व बैंक रिपोर्ट में कहा गया था कि देश का खंडित विनियमन, अपारदर्शी बजट और राजनीतिक हस्तक्षेप निवेश को बाधित कर रहा है और राजस्व कमजोर कर रहा है।

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