फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम का पतन
दुबई में खेले गए खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान की टीम हर विभाग में भारत पर भारी पड़ी। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने समीर मिन्हाज की 172 रनों की शानदार पारी की बदौलत 347/8 का विशाल स्कोर खड़ा किया। इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। टूर्नामेंट की शुरुआत में 171 रन बनाने वाले वैभवी सूर्यवंशी केवल 26 रन बना सके, जबकि आईपीएल स्टार और कप्तान आयुष म्हात्रे मात्र 2 रन पर आउट हो गए। पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने सटीक लाइन-लेंथ के साथ गेंदबाजी करते हुए भारत को 156 रनों पर समेट दिया और खिताब पर कब्जा कर लिया।
सामान्य समीक्षा से हटकर बोर्ड की नई रणनीति
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई का यह कड़ा रुख दर्शाता है कि वे भविष्य की चुनौतियों को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहते। आमतौर पर टूर्नामेंट के बाद एक औपचारिक रिपोर्ट सौंपी जाती है, लेकिन कोच और कप्तान से सीधी चर्चा करने की योजना यह संकेत देती है कि बोर्ड हार के मूल कारणों की गहराई तक जाना चाहता है। इस बैठक में न केवल तकनीकी कमियों पर चर्चा होगी, बल्कि मैदान पर हुए उन क्षणों पर भी गौर किया जा सकता है जब भारतीय और पाकिस्तानी खिलाड़ियों के बीच तीखी बहस हुई थी। हालांकि आचरण को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है, लेकिन बोर्ड अनुशासन और प्रदर्शन दोनों को प्राथमिकता दे रहा है।
अंडर-19 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारी और सुधार
यह समीक्षा प्रक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह टीम जनवरी-फरवरी 2026 में होने वाले अंडर-19 विश्व कप के लिए तैयार हो रही है। एशिया कप में मिली यह हार टीम के लिए एक ‘वेक-अप कॉल’ की तरह है। कप्तान आयुष म्हात्रे ने हार के बाद स्वीकार किया कि गेंदबाजी की लाइन में कुछ कमियां थीं और टीम अपनी 50 ओवर खेलने की योजना को लागू करने में विफल रही। बीसीसीआई का यह हस्तक्षेप युवा खिलाड़ियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराने और वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले टीम को मानसिक और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।














