क्यों AI के खतरों के बारे में बोल रहे वैज्ञानिक?
पॉडकास्ट के होस्ट स्टीवन बार्टलेट ने उनसे पूछा कि एक शांत स्वभाव के वैज्ञानिक अचानक AI के खतरे के बारे में क्यों सार्वजनिक रूप से बोलने लगे? बेंगियो ने जवाब दिया कि उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है, क्योंकि ChatGPT आने के बाद उन्हें लगा कि हम एक खतरनाक रास्ते पर हैं। उन्होंने कहा- मुझे लोगों को जागरूक करना है कि क्या हो सकता है। साथ ही उम्मीद भी देनी है कि कुछ रास्ते चुनकर हम इन बड़े खतरे को कम कर सकते हैं।
ChatGPT में वैज्ञानिक को क्या खतरनाक लगा?
होस्ट ने पूछा कि ChatGPT में ऐसा क्या था जो उनकी सोच बदल गई। बेंगियो ने बताया कि ChatGPT से पहले वे और उनके साथी वैज्ञानिक सोचते थे कि मशीनें भाषा को अच्छे से समझने में कई दशक लगा देंगी। लेकिन ChatGPT ने दिखा दिया कि अब मशीनें भाषा समझने लगी हैं। उन्होंने एलन ट्यूरिंग का जिक्र किया। ट्यूरिंग ने 1950 में कहा था कि अगर मशीनें भाषा समझने लगेंगी तो वे हम इंसानों जितनी बुद्धिमान हो सकती हैं और इससे खतरा हो सकता है। बेंगियो ने कहा कि अब मशीनें भाषा तो समझती हैं लेकिन प्लानिंग करने जैसे दूसरे कामों में अभी पीछे हैं।
अभी खतरा नहीं, लेकिन जल्द हो सकता है
बेंगियो ने साफ कहा कि अभी एआई रोबोट से कोई बड़ा खतरा नहीं है। लेकिन कुछ सालों या एक-दो दशक में हो सकता है। उन्हें 2023 की शुरुआत में अचानक लगा कि हम ऐसी चीज बना रहे हैं जो इंसानों का दुश्मन बन सकती है या जो इसे कंट्रोल करेगा उसे बहुत ताकत मिल जाएगी। इससे दुनिया अस्थिर हो सकती है और लोकतंत्र को खतरा हो सकता है। इन सब बातों ने उन्हें परेशान किया और वे बोले कि मुझे कुछ करना होगा। जितना हो सके उतना प्रयास करना होगा, ताकि ऐसे खतरे कम हों।















