60 साल के तारिक रहमान बांग्लादेशकी पूर्व पीएम खालिदा जिया और देश के पूर्व राष्ट्रपति जनरल जियाउर्रहमान के सबसे बड़े बेटे हैं। रहमान को 2007 में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया था, जब सेना समर्थित अंतरिम सरकार सत्ता में थी। 2008 में कोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए लंदन जाने की इजाजत देते हुए जमानत दे दी। इसके बाद से वह लंदन में रह रहे थे क्योंकि ढाका लौटने पर उनको मुकदमों और सजा का सामना करना पड़ता।
तारिक रहमान पर आरोप
तारिक रहमान को अक्टूबर 2018 में शेख हसीना की रैली में हुए ग्रेनेड हमले के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। ये हमला खालिदा जिया की सरकार में साल 2004 में हुआ था, जिसमें हसीना बाल-बाल बची थीं। इसके अलावा भी रहमान पर कई गंभीर आरोप लगे। हालांकि बीएनपी ने हर दफा इन इल्जामात को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज किया है।
बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून ने मई 2023 में साल 2001-06 के बीच (BNP सरकार) के दौरान रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं के दस्तावेजी सबूतों के आधार पर तीन-भागों की एक सीरीज पब्लिश की। इसमें बीएनपी नेताओं और रहमान पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। इस सीरीज में रहमान को ‘डार्क प्रिंस’ बताया गया।
तारिक के पास अवैध संपत्ति!
फर्स्टपोस्ट के मुताबिक, ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट में रहमान पर भ्रष्टाचार और मीडिया को डराने के आरोप लगाए गए थे। अमेरिकी दूतावास के केबल्स का हवाला देते हुए बताया गया था कि रहमान ने गैर-कानूनी तरीके से करोड़ों डॉलर की संपत्ति जमा की है। 2023 में रहमान को गैर-कानूनी संपत्ति जमा करने में नौ साल जेल की सजा सुनाई गई।
तारिक रहमान और उनकी पार्टी की किस्मत अगस्त, 2024 में बदली। छात्र आंदोलन के हिंसक होने के बाद अवामी लीग की सरकार गिरी और शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गईं। इस बदलाव से ना सिर्फ तारिक रहमान को राजनीतिक रूप से फायदा हुआ बल्कि कानूनी तौर पर भी उनको बड़ी राहत मिल गई।
तारिक के केस हुए वापस
शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद ढाका में आए मोहम्मद यूनुस के अंतरिम प्रशासन ने खालिदा जिया और तारिक रहमान को कई राहत दी हैं। यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद तारिक को 84 लंबित मामलों में बरी कर दिया गया है। इसमें 2004 के ढाका ग्रेनेड हमले, मनी लॉन्ड्रिंग, देशद्रोह और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े केस शामिल हैं।
तारिक रहमान ने अपने खिलाफ कानूनी मामले खत्म होने के बाद इसी महीने, दिसंबर में लंदन से ढाका लौटने का ऐलान किया था। तारिक रहमान ने फरवरी में होने वाले इलेक्शन का जिक्र करते हुए कहा था कि यह एक ऐसा चुनाव है, जिसका लोग इंतजार कर रहे थे। मैं इससे खुद को दूर नहीं रख सकता, मैं ढाका आ रहा हूं।
तारिक कितना असर डालेंगे
तरिक रहमान की बांग्लादेश वापसी देश में राष्ट्रीय चुनावों से कुछ हफ्तों पहले हुई है। बीएनपी अगले साल 12 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिएप जमीनी स्तर पर पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी को उम्मीद है कि तारिक के ढाका लौटने से कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश आएगा। एक्सपर्ट अवामी लीग की गैरमौजूदगी में बीएनपी को सबसे मजबूत राजनीतिक ताकत मान रहे हैं।
तारिक रहमान की मां खालिदा जिया पिछले महीने से गंभीर रूप से बीमार हैं और ढाका के एक अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में आगामी चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए BNP को नेता की जरूरत है। इस कमी को तारिक की ढाका वापसी पूरा कर सकती है। BNP के सरकार में आने पर तारिक का पीएम बनना तय माना जा रहा है। ऐसा होता है तो वह अपने पिता और मां के बाद परिवार से तीसरे राष्ट्राध्यक्ष होंगे।















