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  • पुलिस नहीं तो सेना भेजो, लेकिन नॉनसेंस रोको, बांग्लादेश हिंसा पर शशि थरूर की दो टूक

    नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश में हिंदू युवक की लिंचिंग की निंदा करते हुए बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि हिंसा रोकना उसकी जिम्मेदारी है, अगर पुलिस नहीं रोक पा रही है तो सेना का इस्तेमाल करे, लेकिन हर हाल में हिंसा रुकनी चाहिए। उन्होंने बांग्लादेश


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 25, 2025
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    नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बांग्लादेश में हिंदू युवक की लिंचिंग की निंदा करते हुए बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि हिंसा रोकना उसकी जिम्मेदारी है, अगर पुलिस नहीं रोक पा रही है तो सेना का इस्तेमाल करे, लेकिन हर हाल में हिंसा रुकनी चाहिए। उन्होंने बांग्लादेश की हिंसक घटनाओं के खिलाफ भारत में हो रहे प्रदर्शनों का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदर्शन अहिंसक भी हो सकते हैं। उन्होंने इस बात की तारीफ की है कि भारत में हो रहे प्रदर्शन में कहीं से भी हिंसा की जानकारी नहीं है, लेकिन बांग्लादेश में इसी के नाम पर बवाल किया जा रहा है।

    हिंदू युवक की लिंचिंग पर भड़के थरूर

    केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद ने बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में ईशनिंदा के आरोपों में कट्टरपंथी मुसलमानों की भीड़ द्वारा एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग और फिर जला देने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इस घटना के विरोध में भारत में हो रहे राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का भी उन्होंने समर्थन किया और कहा कि विरोध प्रदर्शन करना उनका अधिकार है। थरूर बोले कि ‘भारत में भी कुछ ग्रुप ने जवाबी प्रदर्शन किए हैं। हमारे लोकतंत्र में उनको यह अधिकार है। मुझे नहीं लगता है कि किसी को लगा हो कि यह प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर जा रहे हैं। कहीं भी हिंसा नहीं है, कोई लिंचिंग नहीं और निश्चित तौर पर हिंसा की किसी भी कोशिश से हमारी पुलिस निपट लेगी और निपटना चाहिए।’

    हिंसा रोकना बांग्लादेश की जिम्मेदारी

    थरूर ने कहा कि वह बांग्लादेश से भी ऐसी ही उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम देखना चाहते हैं कि बांग्लादेशी भी ऐसा ही करें। उन्हें हिंसा रोकना होगा। बांग्लादेश सरकार की ओर से सिर्फ खेद जताने या निंदा करने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि, सरकार के तौर पर सड़कों पर हो रही हिंसा रोकने के लिए कार्रवाई करना, उनकी जिम्मेदारी है। उन्हें हिंसा पर लगाम लगाने की जरूरत है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सड़कें फिर से शांत हो जाएं और लोग फिर से सुरक्षित महसूस कर सकें।’

    ‘पुलिस नहीं तो आर्मी , पर नॉनसेंस रोको’

    बांग्लादेश के बेकाबू हालात पर थरूर ने बहुत ही सीधे शब्दों में मोहम्मद यूनुस सरकार को दम भर सुनाया है और कहा है कि चाहे जो भी करना है करें, लेकिन हिंसा रोकने की आवश्यकता है। थरूर ने कहा, ‘हम सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि मामले को अपने नियंत्रण में ले ले। अगर पुलिस ऐसा नहीं कर सकती तो आर्मी को भेजिए, लेकिन, इस नॉनसेंस को रोकिए….।’ यूनुस ने हाल ही में दीपू चंद्र की हत्या की निंदा की थी और दावा किया था कि इस केस में कई गिरफ्तारियां की गई हैं।

    दीपू चंद्र की हत्या पर भारत में गुस्सा

    बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हुई हत्या को लेकर भारत में जबर्दस्त उबाल है। देशभर में इस घटना के विरोध में व्यापक प्रदर्शन चल रहे हैं और इस घटना की वजह से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों पर भी असर पड़ा है। वैसे जब बांग्लादेश को चावल की किल्लत महसूस होने लगी तो उसने भारत के सामने बेशर्मी से हाथ पसारने में भी परहेज नहीं किया, क्योंकि उसे उसका नया-नवेला आतंकी दोस्त पाकिस्तान भी उस सस्ते दर पर चावल नहीं दे पा रहा, जितन सस्ते दर पर भारत दे सकता है।

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